रायपुर में बैटरी कार संचालन के खिलाफ सपरिवार कुलियों का हल्लाबोल, राष्ट्रीय कुली मोर्चा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भेजा ज्ञापन
ट्री चालित वाहन, माई कुली ऐप और ट्राली के कारण कुलियों के आजीविका पर गहरा खतरा उत्पन्न हो गया है। राष्ट्रीय कुली मोर्चा द्वारा बार-बार यह आग्रह किया गया कि निजीकरण और आधुनिकीकरण की जिन कार्यवाहियों को रेल प्रशासन द्वारा किया जा रहा है उससे कुलियों के रोजगार पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है और उनकी आमदनी बेहद कम हुई है। उनकी आजीविका खतरे में है...
Railway Porter protest : पिछले कई दिनों से रायपुर स्टेशन पर बैटरी कार का संचालन शुरू करने के खिलाफ वहां के कुली सपरिवार आंदोलन कर रहे हैं। इन आंदोलनरत कुलियों के समर्थन में आज 9 अक्टूबर को राष्ट्रीय कुली मोर्चा ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आंदोलनरत कुलियों से वार्ता कर उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और किसी भी हालत में उन पर दमन न हो इसे सुनिश्चित करने की मांग की है।
इस राष्ट्रीय विरोध दिवस के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय कुली मोर्चा के कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने बताया कि रायपुर रेल प्रशासन कुलियों की समस्याओं का लोकतांत्रिक हल निकालने की जगह उन्हें धमकी दे रहा है और उनके ऊपर दमन की तैयारी की जा रही है। यह पूरी कार्रवाई लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है।
रायपुर के कुलियों के जारी लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और संवैधानिक आंदोलन के समर्थन में आज राष्ट्रीय कुली मोर्चा द्वारा रेल मंत्रालय को भेजे ज्ञापन में कहा गया कि निजीकृत बैट्री चालित वाहन, माई कुली ऐप और ट्राली के कारण कुलियों के आजीविका पर गहरा खतरा उत्पन्न हो गया है। राष्ट्रीय कुली मोर्चा द्वारा बार-बार यह आग्रह किया गया कि निजीकरण और आधुनिकीकरण की जिन कार्यवाहियों को रेल प्रशासन द्वारा किया जा रहा है उससे कुलियों के रोजगार पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है और उनकी आमदनी बेहद कम हुई है। उनकी आजीविका खतरे में है।
ऐसी हालत में आंदोलनकारी कुलियों द्वारा मांग की गई है कि रेल स्टेशन प्रशासन एवं रेलवे कुलियों के बीच लगातार उत्पन्न हो रहे तनाव को खत्म करने के लिए जिस तरीके से 2008 में पॉलिसी लाकर के रेलवे कुलियों का रेलवे में समायोजन किया गया था, उसी तरीके से देश की कुलियों की आर्थिक उत्थान एवं सम्मानजनक जीवन जीने के लिए एक बार फिर कुलियों का रेलवे की नौकरी में समायोजन किया जाए।
यह कार्यक्रम अनेक जगह आयोजित हुआ, जिसका नेतृत्व जलील अहमद, कलीम मकरानी, राम महावर, रामबाबू बिलाला, कन्हैया ग्वाल, अमजद ,इमाम भाई, राहुल, राज कुमार, राज कपूर, अनिल सावले, अरुण कुमार महतो, शेख रहमतुल्ला, चंद्रेश्वर मुखिया, चंद्रपाल, रमेश ठाकुर, अदनान अहमद, अरुण कुमार यादव, गुफरान अहमद, जहीन अहमद, राम आधार यादव, मंगल यादव, सोहित यादव, राम तौल निषाद, राम चंदर कश्यप, वीरेंद्र चौहान, निसार आलम, अली हैदर, मोतीलाल,कल्लन शाह, अहमद हुसैन, किशन चौधरी समेत कई लोगों ने किया।