किसान बिल के विरोध में महाराष्ट्र में हजारों किसान उतरे सड़कों पर, विपक्ष समेत दर्जनों किसान संगठन आये साथ

किसान नेताओं ने कहा, ये कानून कृषक समुदायों की आजीविका के लिए हानिकारक हैं। सरकार ने इसे जबरदस्ती थोपा है और संसद में इसे जिस दिन पारित किया गया, वह एक काला दिन था। हम किसानों के साथ हुए इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे...

Update: 2020-09-25 10:47 GMT

file photo

मुंबई। संसद द्वारा हाल ही में पारित किए गए 'किसान विरोधी कानून' के मद्देनजर पूरे महाराष्ट्र में शुक्रवार 25 सितंबर को हजारों की तादात में किसान सड़कों पर उतरकर जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन को कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस), स्वाभिमानी शेतकारी संगठन और राज्य के अन्य प्रमुख किसान संगठनों ने अपना समर्थन दिया है।

पालघर से एआईकेएस के अध्यक्ष अशोक धावले इसका नेतृत्व कर रहे हैं। मुंबई में महेंद्र उगड़े, ठाणे में सुनील खरपत, बीड में सुभाष डाके, जालना में गोविंद अरदाद, नंदुरबार में सुदाम ठाकरे, नांदेड़ में अर्जुन अडे के नेतृत्व में आंदोलन किए जा रहे हैं।

कोल्हापुर में स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने राज्य और पूरे देश के किसानों से आग्रह किया कि वे पूरे जोश के साथ इस कानून का विरोध करें। उनके नेतृत्व में किए गए प्रदर्शन में कानून की प्रतियां आग के हवाले की गईं।

शेट्टी ने कहा, "ये कानून कृषक समुदायों की आजीविका के लिए हानिकारक हैं। सरकार ने इसे जबरदस्ती थोपा है और संसद में इसे जिस दिन पारित किया गया, वह एक काला दिन था। हम किसानों के साथ हुए इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

मुंबई, ठाणे, पालघर, पुणे, कोल्हापुर, नाशिक, नंदुरबार, जालना, बीड, औरंगाबाद, नांदेड़, यवतमाल, बुलढाना में हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों में हजारों की संख्या में किसान भाग ले रहे हैं और स्थानीय कलेक्टरों के कार्यालयों या तहसीलदार जाकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

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