हजारों हेक्टेयर गेहूं की फसल इल्ली कीट के हमले के बाद बर्बादी के कगार पर, परेशान किसानों को कृषि विभाग से नहीं मिल रही कोई मदद
अभी तक कृषि विभाग ने ना तो कोई एडवाइजरी जारी की है और न ही बीमार फसल का निरीक्षण ही किया है। ऐसे में अपनी फसल को बर्बाद होते हुए देख किसानों में सरकार और कृषि विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है...
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के हजारों किसानों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। हजारों हेक्टेयर गेहूं की फसल पर इल्ली का हमला हुआ है और फसल खराब होने के कगार पर पहुंच गई है। मध्य प्रदेश में कृषि विभाग की जिम्मेदारी है कि समय-समय पर वह किसानों को फसल के बचाव और अच्छी उपज के लिए मार्गदर्शन करता रहे, लेकिन कृषि विभाग के बड़े अधिकारी सोए हुए हैं। अभी तक उन्होंने किसानों को कोई मार्गदर्शन नहीं दिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री एवं बबलू जाधव कहते हैं, इंदौर जिले में अधिकांश किसानों ने गेहूं की बोवनी की है, हजारों हेक्टेयर में गेहूं की फसल उग आई है और अभी खेतों में गेहूं की फसल है। ऐसे में फसल पर ईल्ली का हमला हुआ है तो परेशान हाल किसान अपनी मर्जी से दवाई छिड़ककर फसल बचाने की कोशिश में जुटा हुआ है। किसान फसल खराब होने के डर से परेशान हैं, मगर इंदौर में सरकारी अमला मौज मजे करने में जुटा हुआ है। कृषि अधिकारी सोए हुए हैं।
किसान नेता कहते हैं, सरकार ने कृषि विभाग में अधिकारियों की नियुक्ति इसलिए की है कि वे समय-समय पर किसानों को फसल के बचाव और कीट प्रकोप के समय उचित मार्गदर्शन दें और फसल को बचाने के लिए गांव-गांव दौरा भी करें, लेकिन अभी तक कृषि विभाग ने ना तो कोई एडवाइजरी जारी की है और न ही बीमार फसल का निरीक्षण ही किया है। ऐसे में अपनी फसल को बर्बाद होते हुए देख किसानों में सरकार और कृषि विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने मध्य प्रदेश के कृषि संचालक और कृषि मंत्री से मांग की है कि गेहूं की फसल पर हो रहे इस प्रकोप से बचने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जायें और निष्क्रिय तथा निकम्मे अधिकारियों को तत्काल इंदौर जिले से हटाया जाए।