बस्तर में आदिवासियों ने खोद दी 5 किमी सड़क, कहा हमारे गांवों में सुरक्षा बलों के कैम्प नहीं स्कूल-अस्पताल-आंगनबाड़ी दो

ग्रामीणों का कहना है कि हमें किसी भी कीमत में पुलिस कैम्प नहीं चाहिए। कैम्प खुलने से पुलिस ग्रामीणों को नक्सल मामलों में पकड़कर जेल भेज देगी। इससे पहले भी पुलिस हमारे गांव के लोगों को पकड़कर जेल भेज चुकी है....

Update: 2020-10-15 11:09 GMT

photo : janjwar

तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट

बस्तर, जनज्वार। छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले अन्तर्गत अनूपपुर थाना क्षेत्र के काकड़ी गांव में इन दिनों ग्रामीण सरकारी सड़क की खुदाई करने में लगे हैं। बीते पांच दिनों से ग्रामीण 5 किमी सड़क को जगह-जगह काट रहे है। दरअसल आदिवासी ग्रामीण चाहते हैं कि उनके इलाके में कैम्प स्थापित न हो। कैम्प लगने के विरोध में ग्रामीण काकड़ी गांव में एकजुट हैं। विरोध कर रहे ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें सुरक्षा बलों के कैंप नहीं स्कूल, अस्पताल और आंगनबाड़ी चाहिए, ताकि अगली पीढ़ी का भविष्य सुधर सके।

गौरतलब है कि बस्तर में बीते 2 सालों में बेहताशा सुरक्षा बलों के कैम्प स्थापित किए जा रहे हैं, जिसका आदिवासी ग्रामीण लगातार विरोध जताते आए हैं। बावजूद इसके सरकार लगातार नवीन पुलिस कैम्पों को स्थापित कर रही है।

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ग्रामीण फावड़ा, गैती, तगाड़ी, सब्बल लेकर महिला पुरुष बुजुर्ग सड़क काटने में लगे हुए हैं। लगभग 5 किलोमीटर की सड़क पर सैकड़ों गढ्ढे बनाकर ग्रामीण इसका विरोध जता रहे हैं।

नहाड़ी गांव में कैम्प विरोध के लिए नहाड़ी, ककाड़ी,बुरगुम, पोटाली, जबेली, गोण्डेरास, बर्रेम के ग्रामीण जमा हुये। रशद राशन लेकर ग्रामीण टैंट लगाकर सड़क किनारे ही 4 दिनों से रुके हुये हैं। नहाड़ी से ककाड़ी तक की सड़क ग्रामीणों ने काट दी है। ग्रामीणों का कहना है कि हमें किसी भी कीमत में पुलिस कैम्प नहीं चाहिए। कैम्प खुलने से पुलिस ग्रामीणों को नक्सल मामलों में पकड़कर जेल भेज देगी। इससे पहले भी पुलिस हमारे गांव के लोगों को पकड़कर जेल भेज चुकी है।

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नहाड़ी के सरपंच गड्ढा खोदने वालों के बीच खुद मौजूद थे। पंचायत से एक प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है कि नहाड़ी गांव में पुलिस कैम्प की जरूरत नहीं है, इसलिए कैम्प नहाड़ी में स्थापित नहीं किया जाये। वहीं ग्रामीण कैम्प लगने की खबर महज से सरकार और प्रशासन के विरोध में हैं।

4 दिनों से जारी विरोध में अबतक प्रशासन की तरफ से कोई गांव नहीं पहुँचा है। नहाड़ी गांव अंदरुनी पंचायत में शुमार है, जिसकी वजह से प्रशासन और पुलिस को इस विरोध की भनक तक नहीं है।

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