UKSSSC Paper leak SCAM : खटीमा पुलिस ने भेजे कोचिंग संस्थानों को नोटिस, आंदोलन में शामिल होने पर कार्यवाही की चेतावनी

UKSSSC Paper leak SCAM : सीबीआई जांच की मांग को लेकर खटीमा विधायक भुवनचंद्र कापड़ी हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल कर चुके हैं, जहां उसकी सुनवाई विचाराधीन है। दूसरी तरफ इस मामले में सरकार अभी तक इन भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच न कराए जाने पर अड़ी हुई है....

Update: 2022-09-22 17:16 GMT

UKSSSC Paper leak SCAM : उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के सपनों को भर्ती घोटाले से चकनाचूर कर चुकी राज्य सरकार अब भर्ती घोटाले के खिलाफ उठने वाली आवाज को पुलिसिया बूटों तले रौंदने पर आमादा है। भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर युवाओं के शुक्रवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए धामी सरकार ने पुलिस को मैदान में उतार दिया है। पुलिस इससे पहले पिछले सप्ताह बेरोजगार युवाओं की हल्द्वानी की प्रस्तावित रैली को भी फ्लॉप करवा चुकी है।

बता दें कि जहां उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के सपनों को धराशाई करने वाले हुए सिलसिलेवार भर्ती घोटालों की एसटीएफ जांच जहां अंतिम चरण में बताकर इसके संरक्षणदाताओं को बचाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है तो प्रदेश के युवा इस एसटीएफ जांच को नाकाफी बताते हुए सड़कों पर सीबीआई जांच की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सीबीआई जांच की मांग को लेकर खटीमा विधायक भुवनचंद्र कापड़ी हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर चुके हैं, जहां उसकी सुनवाई विचाराधीन है। दूसरी तरफ इस मामले में सरकार अभी तक इन भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच न कराए जाने पर अड़ी हुई है।


गढ़वाल मंडल के कई शहरों के बाद कुमाउं मंडल के हल्द्वानी में बेरोजगार युवाओं ने इसी मांग को लेकर एक बड़ी रैली की घोषणा करते हुए रैली में हजारों लोगों के पहुंचने का दावा किया था। यहां पुलिस ने रैली की अनुमति नहीं दी थी। इस रैली में युवाओं की काम मौजूदगी पर आयोजकों का इल्जाम था कि रैली में आने वाले युवाओं की बसों को पुलिस ने जबरन हल्द्वानी पहुंचने से पहले ही रोक दिया था।


इसके बाद युवाओं ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर 23 सितंबर शुक्रवार को खटीमा में एक बड़ी रैली करने का निर्णय लेते हुए इसकी तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन युवाओं का आंदोलन कुचलने पर आमादा राज्य सरकार ने रैली को विफल करने के लिए पुलिस को खुलकर मैदान में उतार दिया। सेना में लागू हुई चार साल की अग्निवीर योजना के विरोध में सड़कों पर उतरे युवाओं को उनके कोचिंग सेंटर में जाकर धमकाने की पुरानी शैली में पुलिस ने इस बार खटीमा के कई कोचिंग संचालकों को नोटिस देकर अपने छात्रों को इस धरना प्रदर्शन में न जाने के लिए समझाए जाने की हिदायत दी है।

इतना ही नहीं पुलिस ने इस नोटिस में दीपक मुंडेला, नीरज कन्याल और सूरज बुंगला नाम के तीन युवाओं के खटीमा कोतवाली में दर्ज मुकदमों का उल्लेख करते हुए कोचिंग संस्थानों को दिए गए नोटिस में इस धरने प्रदर्शन को अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा कोचिंग संस्थानों के छात्रों को बरगलाकर शहर की शांति व्यवस्था व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास बताया है। पुलिस द्वारा दिए गए इन नोटिस में बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन करने वाले युवाओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है।


जनज्वार ने इन नोटिस पर लिखे खटीमा पुलिस के सरकारी नंबर 9411112906 पर बात करके जारी हुए इन नोटिस के असली होने की पुष्टि कर ली है। दूसरी तरफ से बात करने वाले अधिकारी ने इन नोटिस को पुलिस द्वारा ही जारी बताया है।

यहां बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार पुलिस के माध्यम से इससे पहले सेना में लागू हुई चार साल की अग्निवीर योजना के विरोध में सड़कों पर उतरे युवाओं को उनके कोचिंग सेंटर में जाकर धमकाने का कारनामा कर चुकी है। उस समय पुलिस अधिकारियों ने युवाओं को अग्निवीर विरोधी आंदोलन में शामिल होने पर मुकदमा लगाकर उनका भविष्य बरबाद करने की धमकियां देकर आंदोलन को फैलने से रोक दिया था।

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इसके बाद यह दूसरा मौका है जब पुलिस खुलकर युवाओं के आंदोलन के खिलाफ सरकार के पक्ष में बैटिंग करने सीधे मैदान में उतर गई है। कोई विश्वास कर सकता है कि यह उस प्रदेश का किस्सा है जिसका जन्म ही कई सालों तक चले अनवरत आंदोलन की बुनियाद पर हुआ है ? लेकिन यह सच है। 

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