26 जनवरी को 'किसान गणतंत्र परेड' करेंगे आंदोलनकारी, 23 को गवर्नर हाउस पर प्रदर्शन

किसान नेताओं ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चों से किसान 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश कर ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ 'किसान गणतंत्र परेड' करेंगे...

Update: 2021-01-02 13:19 GMT

(file photo)

जनज्वार। किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है। दिल्ली बार्डर पर हजारों-लाखों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच सबकी नजरें 4 जनवरी को केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की होनेवाली वार्ता पर टिकी हुई हैं, हालांकि किसान नेता इस वार्ता से भी कोई खास उम्मीद नहीं रख रहे। 

किसान आंदोलन समन्वय समिति ने आज राष्ट्रीय राजधानी में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में समन्वय समिति के नेताओं ने कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चों से किसान 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश कर ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ 'किसान गणतंत्र परेड' करेंगे।

किसान नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि यह परेड गणतंत्र दिवस की आधिकारिक परेड की समाप्ति के बाद होगी।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, 'हम अब आर पार की लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ पर आ पहुंचे हैं। 26 जनवरी तक हमारे दिल्ली में डेरा डालने के दो महीने पूरे हो जाएंगे। हमने इस निर्णायक कदम के लिए गणतंत्र दिवस को चुना क्योंकि यह दिन हमारे देश में गण यानी बहुसंख्यक किसानों की सर्वोच्च सत्ता का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि सरकार जिस तरीके से दुष्प्रचार कर रही है, हमने उसे गलत साबित किया है। सरकार कह रही है कि हमने एक देश एक मंडी बना दी। हमने कहा कि आपने एक देश दो मंडी बना दी।

इस बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि जिस सकारात्मक सोच के साथ पिछली बैठक हुई है, मुझे आशा है कि 4 जनवरी को होने वाली बैठक में हल निकलेगा और ये आंदोलन भी खत्म हो जाएगा।

उधर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, 'जैसे ही दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन ने 38वें दिन में प्रवेश किया, एक और किसान ने अपनी जान गंवा दी। मैं किसानों के संकल्प को सलाम करता हूं। सरकार को कृषि कानूनों को लंबित रखते हुए पुनर्विचार के लिए सहमत होना चाहिए. किसी भी नए कानून में किसान समुदाय की जरूरतों और इच्छाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।'

उल्लेखनीय है कि आंदोलन के 38वें दिन 2 जनवरी को दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर एक और किसान की मौत हो गई है। दिवंगत किसान गलतान सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत जिला स्थित भागवनपुर नांगल गांव के रहने वाले थे। किसान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेज दिया गया है। दिवंगत गलतान सिंह करीब 57 साल के थे।

इससे पहले गुरुवार को किसानों ने कहा था कि अगर 4 जनवरी की बातचीत में परिणाम संतोषजनक ना निकला तो 6 जनवरी को मार्च होगा। वहीं मार्च जो 30 दिसंबर को रद्द हुआ था, राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर से किसान अगले हफ़्ते आगे बढ़ेंगे। 6 जनवरी से 20 जनवरी के बीच पूरे देश में किसान जन जागृति अभियान चलाएंगे।

23 जनवरी को नेता सुभाषचंद्र बोस की जयंती को किसान विशेष चेतना दिवस का आयोजन होगा। BJP नेताओं के खिलाफ देशभर में पार्टी छोड़ो अभियान चलाएंगे। पंजाब और हरियाणा के टोल आगे भी फ्री रहेंगे।

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