चलो मुजफ्फरनगर : 27 सितम्बर को किसानों ने किया भारत बन्द का आह्वान, किसान पंचायत की भीड़ ने उड़ाये सरकार के होश

योगेंद्र यादव केंद्र और यूपी की सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि यह सरकार जातिवाद और धर्म के आधार पर राजनीति करती है...;

Update: 2021-09-05 12:13 GMT
चलो मुजफ्फरनगर : 27 सितम्बर को किसानों ने किया भारत बन्द का आह्वान, किसान पंचायत की भीड़ ने उड़ाये सरकार के होश
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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में आयोजित किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में कृषि कानूनों क खिलाफ 27 सितम्बर को भारत बन्द के ऐलान के साथ ही भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने के लिए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में एंटी भाजपा पोजिशन लेने का फैसला लिया गया।

पंचायत के इस फैसले से केन्द्र सरकार में हलचल शुरू हो गयी है। सुबह तक मीडिया का वर्ग दिखा रहा था कि किसान महापंचायत में दावों के अनुसार भीड़ जमा नहीं हो रही है, लेकिन जैसे जैसे दिन चढ़ता गया मीडिया के भी सुर बदल गए।

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यूपी के मुजफ्फरनगर की सड़कों पर किसानों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। महापंचायत के स्थल पर पंडाल पूरी तरह से खचाखच भर गया और लगातार किसान महापंचायत स्थल की ओर रुख करते रहे।

वहां से किसान नेताओं ने मिशन उत्तराखंड और मिशन यूपी का ऐलान भी किया। इसके तहत जिन पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां किसान रैलियां करके भाजपा को वोट न डालने की अपील करेंगे। साथ ही 27 सितंबर को भारत बंद की घोषणा भी की गई है। इसमें रेल रोको को भी शामिल किया जाएगा। इस मौके पर घोषणा की गई कि यूपी के 18 मंडलों में BJP के खिलाफ किसान महापंचायत करेंगे।

किसान नेताओं ने चेताया है कि हमारी महापंचायत में उमड़ी यह भीड़ उन लोगों के लिए भी सबक है, जो अभी तक कह रहे थे कि आंदोलन करने वाले किसान नहीं हैं और आंदोलन अब टूट चुका है। किसानों की ओर से दावा किया जा रहा है कि महापंचायत में 15 राज्यों के 300 से अधिक किसान संगठन भाग ले रहे हैं।

मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत रविवार 5 सितंबर को शुरू होने के पहले ही सुबह 10 बजे ही जीआईसी मैदान पूरी तरह भर गया है। पंजाब, हरियाणा से लेकर दक्षिण भारत के किसान संगठनों के प्रतिनिधि यहां अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच इस महापंचायत पर सबकी नजरें हैं। इसे किसानों के मिशन यूपी और उत्तराखंड के आगाज करने का संकेत भी माना जा रहा है। नरेश टिकैत, राकेश टिकैत, मेधा पाटेकर, योगेंद्र यादव समेत कई बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे।

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इस मौके पर योगेंद्र यादव केंद्र और यूपी की सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि यह सरकार जातिवाद और धर्म के आधार पर राजनीति करती है। उन्होंने लागों से नारे भी लगवाए कि तुम तोड़ोगे और हम जोड़ेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने संकेत दिया है कि मुजफ्फरनगर के बाद यूपी के अन्य मंडलों और जिलों में भी किसानों की इसी तरह महापंचायत हो सकती है, ताकि यूपी चुनाव के पहले किसानों को लामबंद किया जा सके। मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने काफी दिनों से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जुटाने के लिए मेहनत की है।

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किसान पिछले साल नवंबर से मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले। केंद्र इसके लिए राजी नहीं है। केंद्र और किसान प्रतिनिधियों के बीच लंबे समय से वार्ता भी नहीं हुई है।

कृषि कानूनों के अलावा किसान नेताओं ने बिजली संशोधन विधेयक और सार्वजनिक संपत्ति के मौद्रीकरण का भी मुद्दा उठा दिया है। इसलिए किसान नेता महापंचायत में अपनी मांगों को लेकर आगे और क्या ऐलान करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।

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