किसान महापंचायत शुरू, टिकैत दहाड़े-बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं, उधर BJP सांसद वरुण गांधी बोले-किसान हमारे खून उनका दर्द समझें
UP के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत शुरू हो गई है
जनज्वार। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत शुरू हो गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, किसान नेता योगेंद्र यादव सहित अन्य बड़े नेता मंच पर पहुंच चुके हैं। इस बीच बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने किसानों को लेकर बड़ा बयान दिया है, वहीं राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि जबतक कानून वापसी नहीं, तबतक घर वापसी नहीं।
उत्तरप्रदेश से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर अपनी बात रखी है। उन्होंने ट्वीट कर किसानों का दर्द समझने की अपील की है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, "मुजफ्फरनगर में आज प्रदर्शन के लिए लाखों किसान जुटे हैं। वो हमारा ही खून हैं। हमें उनके साथ फिर से सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है। उनका दर्द समझें, उनका नजरिया देखें और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें।"
उधर बीकेयू के राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं। मंच पर उनके साथ योगेंद्र यादव सहित कई अ्य किसान नेता मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता चुनाव नहीं लड़ेंगे। कृषि कानून की वापसी तक घर वापसी नहीं होगी। एमएसपी पर कानून बनाया जाए।
बता दें कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आज रविवार को किसानों की महापंचायत हो रही है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में यह किसान महापंचायत हो रही है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार महापंचायत में देशभर के 300 से अधिक किसान संगठन शामिल हो रहे हैं। इन संगठनों के लाखों किसानों के शामिल होने की बात कही जा रही है।
किसानों का जत्था शनिवार की पूरी रात आता रहा। बताया जा रहा है कि 60 किसान संगठन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से हैं। वहीं दक्षिणी राज्यों से भी किसान संगठनों से जुड़े लोग शामिल हो रहे हैं। ऐसे में एक तरफ जहां महापंचायत में भाग लेने के लिए हजारों किसान मुजफ्फरनगर पहुंचने लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ महापंचायत को देखते हुए यूपी पुलिस भी अलर्ट पर है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पांच सितंबर की महापंचायत को किसान और मजदूर अपनी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं। महापंचायत में कितने लोग पहुंचेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि संख्या की बात छोड़ो, महापंचायत ऐतिहासिक होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने "बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं" का संकल्प ले रखा है। वह आंदोलन शुरू होने के बाद अब तक मुजफ्फरनगर की सीमा में नहीं गए। संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश पर वह रविवार को मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में जरूर पहुंचेंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे।
मुजफ्फरनगर में हो रही किसान महापंचायत को लेकर प्रशासन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मुजफ्फरनगर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। शनिवार को डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के बाद कहा था कि पंचायत में सुरक्षा को देखते हुए पैरामिलिट्री, आरएएफ और पीएसी फोर्स तैनात की गई है। जोन और पुलिस मुख्यालय से भी भारी पुलिसबल मुजफ्फरनगर में तैनात किया गया है। सहारनपुर मंडल में हाईअलर्ट पर रखा गया है।
भाकियू पदाधिकारियों के अनुसार बाहर से काफी संख्या में किसान-मजदूर इस महापंचायत में पहुंचेंगे। इतनी भीड़ के बीच व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती है। पांच हजार वालंटियर तैयार किए गए हैं। पुलिस के साथ मिलकर यह व्यवस्था संभालने में मदद करेंगे। महापंचायत की व्यवस्था में लगे भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने मुजफ्फरनगर के लोगों से एक दिन किसानों के नाम करने की अपील की है।
महापंचायत में सौ मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, वहीं लंगर भी चल रहा है। भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि दूसरे प्रदेशों से किसानों का मुजफ्फरनगर पहुंचना शुरू हो गया है। लंगर सेवा शुरू कर दी है। किसान परिवारों से और किसानी के प्रति लगाव रखने वाले चिकित्सकों और चिकित्सालयों की मदद से करीब सौ मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं। एंबुलेंस सेवा की भी व्यवस्था रहेगी। शहर को जाम से बचाने के लिए पार्किंग बनाई गई हैं। किसान पंचायत में आने वाले किसानों से अपने वाहन पार्किंग में लगाकर आयोजन स्थल पर पैदल जाने की अपील की गई है।