पटना नगर निगम के सफाईकर्मी हड़ताल पर, 6 माह पहले हुआ समझौता नहीं किया लागू

सफाईकर्मियों ने आज राजधानी के सभी छह अंचलों में तालाबंदी कर दी थी, साथ ही सभी कार्यालयों के बाहर इकट्ठे होकर नारेबाजी कर रहे थे, उन्होंने अंचल कार्यालयों के बाहर जमकर प्रदर्शन किया....

Update: 2020-09-10 16:47 GMT

photo : social media

जनज्वार ब्यूरो, पटना। अपनी मांगों को लेकर पटना नगर निगम के सफाईकर्मी आज हड़ताल पर चले गए हैं। कोरोना काल में सफाईकर्मियों की हड़ताल से राजधानी की सफाई व्यवस्था ठप्प हो गई है। कर्मियों ने दिनभर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की और सफाई तथा कूड़ा उठाने का काम बंद कर दिया।

पटना नगर निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। यहां गाड़ी लेकर सफाईकर्मी आते हैं और सफाई के प्रति जागरूकता को लेकर उन गाड़ियों से गाने बजाए जाते हैं, जिसे सुनकर लोग अपने घरों का कूड़ा इन गाड़ियों में डाल देते हैं, पर लोग आज इंतजार ही करते रहे गए।

नगर निगम के कर्मियों ने आज राजधानी के सभी छह अंचलों में तालाबंदी कर दी थी। साथ ही सभी कार्यालयों के बाहर इकट्ठे होकर नारेबाजी कर रहे थे। हड़ताली सफाईकर्मियों ने कचरा उठानेवाली किसी भी गाड़ी को बाहर नहीं निकलने दिया। उन्होंने अंचल कार्यालयों के बाहर जमकर प्रदर्शन किया।

संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, संयोजक रामयतन प्रसाद और सह संयोजक मंगल पासवान ने कहा कि विगत 8 फरवरी को निगम के स्तर पर एक समझौता किया गया था, जिसका कार्यान्वयन नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों को हटाने का प्रस्ताव बार-बार निगम के स्तर पर पारित किया जा रहा है। लोकायुक्त के आदेश पर हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद भी कर्मियों को परेशान किया जा रहा है, जिससे आक्रोश बढ़ रहा है।

सफाईकर्मियों की मुख्य मांगों में लोकायुक्त के आदेश के आलोक में निगम आयुक्त द्वारा जारी आदेश को वापस लेने, दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मियों को समायोजित करने, पूर्व के बकाए का भुगतान, भविष्यनिधि के अपडेटेशन, ईएसआई की सुविधा देने, वरीयता सूची प्रकाशित करने तथा इनका न्यूनतम वेतन 600 से 700 रुपये प्रतिदिन किए जाने की मांगें शामिल हैं।

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