5G Scam : BJP पर लगा 5G स्पेक्ट्रम में 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला करने का आरोप, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #5GScamBJP
5G Scam : 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में घोटाले के आरोप इसलिए लग रहे हैं क्योंकि 5G स्पेक्ट्रम की बेस प्राइस सरकार ने ही 4.3 करोड़ रुपए रखी थी लेकिन सरकार को नीलामी से महज 1.5 करोड रुपए ही मिले हैं।
5G scam : 5G स्कैम BJP ट्विटर पर टॉप ट्रेंड कर रहा है। 25,000 से अधिक यूजेस बीजेपी इस #5G Scam BJP इस हैशटैग पर ट्वीट कर चुके हैं। लोग 5जी नीलामी को लेकर सरकार पर घोटाला करने का आरोप लगा रहे हैं 7 दिन चली भारत में सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी 1.5 लाख करोड़ से अधिक पर खत्म हुई| 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में सबसे बड़ी बोली अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी जिओ ने लगाई।
7 दिन तक चली 5G स्पेक्ट्रम नीलामी
7 दिन तक चली 5G स्पेक्ट्रम नीलामी 1 अगस्त को समाप्त हुई। रिलायंस जियो ने सबसे बड़ी बोली लगाई। रिलायंस जियो ने 88,078 करोड़ रुपये की बोली लगाकर कुल स्पेक्ट्रम में से करीब आधा हिस्सा खरीद लिया। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार अडाणी समूह ने 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। जियो ने 700 मेगाहर्ट्ज बैंड समेत विभिन्न बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है। अडाणी समूह ने 26 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है।
43,084 करोड़ रुपये में 19,867 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा
बता दें कि भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये में 19,867 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। वहीं वोडाफोन आइडिया ने 18,784 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कुल मिलाकर 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई गईं। उन्होंने कहा कि सरकार पहले साल में स्पेक्ट्रम मद में 13,365 करोड़ रुपये प्राप्त करेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहले फेज में भारत के 13 शहरों में 5G सेवाएं मिलना शुरू होंगी। अगस्त-सितंबर महीने में पहले फेज का रोलआउट शुरू हो जाएगा। सबसे पहले अहमदाबाद, बेंगलुरू, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #5G_Scam_Bjp
इस नीलामी के बाद सोशल मीडिया पर लोग मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। ट्विटर पर 2 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला बताया जा रहा है। #5G_Scam_Bjp का हैशटैग टॉप में ट्रेंड कर रहा है। लोग लिख रहे हैं सब कुछ पहले से तय था। नीलामी तो महज़ एक दिखाव भर था।
जानिए क्यों लग रहे हैं घोटाले के आरोप
बता दें कि 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में घोटाले के आरोप इसलिए लग रहे हैं क्योंकि 5G स्पेक्ट्रम की बेस प्राइस सरकार ने ही 4.3 करोड़ रुपए रखी थी लेकिन सरकार को नीलामी से महज 1.5 करोड रुपए ही मिले हैं। अब इस पर नीलामी को लेकर लोग मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं।