Abrogation of Article 370 : जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के 3 साल बाद भी नहीं थमा आतंक का खेल, 109 जवान शहीद
Abrogation of Article 370 : जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir ) में धारा 370 ( Article 379 ) हटने के बावजूद आतंक का खेल ( game of terror ) पहले की तरह जारी है। सरकारी दावों के मुताबिक पहले की तुलना में आतंकी घटनाओं में कमी आई है।
Abrogation of Article 370 : मोदी सरकार ( Modi government ) द्वारा जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kahmir ) से धारा 370 ( Article 370 ) हटाए जाने के आज यानि पांच अगस्त को तीन साल पूरे हो गए। धारा 370 हटाने के बाद के बाद आतंकी घटनाओं ( terrorism ) में कमी आई है। लॉ एंड ऑर्डर की घटना में किसी भी नागरिक और जवान की मौत नहीं हुई है। आतंकी घटनाओं में जवानों और आम लोगों की मौतों की संख्या में भी कमी आई है। हालांकि, आतंक का खेल ( game of terrorism ) पहले की तरह बदस्तूर जारी है। इस बात को केंद्र ने खुद संसद में स्वीकार किया है। आइए, हम आपको बता हैं जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) से धारा 370 ( Article ) हटने के बाद कितने बदले हालात। कितने जवान शहीद हुए, कितने निर्दोष नागरिक मारे गए और कितने आतंकी ढेर हुए।
आतंकी घटनाओं में मारे गए 207 जवान और निर्दोष नागरिक
मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 से 26 जनवरी 2022 तक का आंकड़ा संसद ( Parliament ) में पेश किया। इस डेटा में आतंकवादी ( Terrorism ) घटनाओं, शहीदों की संख्या और मारे गए आतंकवादियों की संख्या शामिल है। सरकार के मुताबिक धारा 370 हटने के बाद पिछले तीन साल में 541 आतंकवादी घटनाएं हुईं। इन आतंकी घटनाओं में 98 आम नागरिक और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में 439 आतंकवादी ढेर कर दिए गए हैं। अगर शहीदों की बात करें तो इन घटनाओं में सुरक्षा बल के 109 जवान शहीद हुए हैं।
एक अन्य अनुमान के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस ने धारा 370 के निरस्तीकरण के पहले और बाद के 3 साल की घटनाओं की तुलना करते हुए जानकारी दी है कि कश्मीर जोन में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। जहां तक एंड ऑर्डर की घटनाओं की बात है तो 5 अगस्त 2016 से 4 अगस्त 2019 के बीच में 3686 हुई थीं। 5 अगस्त 2019 से 4 अगस्त 2022 के बीच में सिर्फ 438 घटनाएं हुईं। इसके अलावा लॉ एंड ऑर्डर की घटनाओं में 370 हटाए जाने से तीन साल पहले 124 नागरिकों की मौत हुई थी जो स्पेशल स्टेटस हटाए जाने के बाद शून्य हो गईं। इसके अलावा ऐसी घटनाओं में छह जवान भी शहीद हुए थे लेकिन 2019 के बाद किसी भी जवान की मौत नहीं हुई है।
कश्मीर में आतंकी घटनाओं की बात करें तो 5 अगस्त 2016 से 4 अगस्त 2019 के बीच कुल 930 घटनाएं हुई थीं। 370 हटाए जाने के बाद घटकर 617 हो गईं। इन आतंकी घटनाओं में 370 लागू रहने से पहले 290 जवान शहीद हुए थे और 191 नागरिक मारे गए थे। धारा 370 हटाए जाने के 3 साल बाद 174 जवान शहीद हुए और 110 लोग मारे गए।
मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को हटा दी थी धारा 370
Abrogation of Article 370 : मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को हटा दिया था। धारा 370 हटाए जाने का विरोध विपक्षी पार्टियां लगातार कर रही हैं। पीडीएफ और नेशनल कॉन्फ्रेंस इसका सबसे ज्यादा मुखर होकर विरोध कर रही हैं। क्षेत्रीय पार्टियां धारा 370 बहाल करने की मांग कर रही हैं। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती लगातार कहती रही हैं कि धारा 370 हटने से कश्मीर में हालात और खराब हो गए हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्लाह का कहना है कि भाजपा ने धारा 370 हटाकर हिंदुस्तान को बांटने का काम किया है।