Agnipath Scheme Protest : बिहार में उपद्रवियों से नहीं वसूला जाएगा जुर्माना, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

Agnipath Scheme Protest : बिहार (Bihar) में अग्नीपथ योजना (Agnipath Scheme) के विरोध के नाम पर बीते महीने प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया था, पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है...

Update: 2022-07-02 05:21 GMT

Agnipath Scheme Protest : अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन में रेलवे को हुआ था 259.44 करोड़ रूपए का नुकसान, 7 दिन में 2 हजार से अधिक ट्रेनें भी रद्द

Agnipath Scheme Protest : बिहार (Bihar) में अग्नीपथ योजना (Agnipath Scheme Protest) के विरोध के नाम पर बीते महीने प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया था। पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यानी कि राज्य में उपद्रवियों से जुर्माना वसूलने की फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं होने वाली है। बता दें कि याचिका में छात्रों को भड़काने और अराजकता फैलाने वाले तत्वों की मदद करने वाले लोगों की जांच करने की भी मांग की गई थी।

अधिकारी उग्र आंदोलन को रोकने में रहे नाकामयाब

पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की। पटना हाई कोर्ट को बताया गया कि जिम्मेदार अधिकारी उग्र आंदोलन को रोकने में नाकामयाब रहे, इस कारण कई सौ करोड़ रुपए की सरकारी संपत्तियों को नष्ट किया गया। उनका कहना था कि इस आंदोलन में छतिग्रस्त संपत्ति का आकलन कर आंदोलनकारियों से पैसों की वसूली की जाए। साथ ही इस आंदोलन में भाग लेने वाली राजनीतिक पार्टियों पर भी जुर्माना लगाया जाए।

सरकारी अधिकारियों पर भी हो कानूनी कार्रवाई

याचिकाकर्ता के अनुसार इस घटना को समय रहते नहीं रोक पाने वाले सरकारी अधिकारियों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाए और उन पर जुर्माना लगाया जाए। कोर्ट को बताया गया कि उग्र और हिंसक आंदोलन के कारण न सिर्फ रेलवे को नुकसान हुआ बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई। दानापुर रेल मंडल को करीब ₹260 का नुकसान हुआ है।

पटना हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

वहीं, महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस आंदोलन से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह मुस्तैद थी। सरकार ने आंदोलन को रोकने के लिए सख्त इंतजाम किए थे लेकिन गलत नियत से सरकार को बदनाम करने के लिए इस प्रकार की लोकहित याचिका दायर की गई है। राज्य सरकार ने अराजक तत्वों पर कार्रवाई की है। सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे। महाधिवक्ता की ओर से दी गई जानकारी के बाद कोर्ट ने लोकहित याचिका को खारिज कर दिया है।

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