Agra Mandir-Mazar Dispute : मंदिर और मजार के अतिक्रमण के कारण बंद हो सकता है आगरा में 'राजा की मंडी' रेलवे स्टेशन
Agra Mandir-Mazar Dispute : रेलवे के उत्तर मध्य जोन की ओर से आगरा में भूरे शाह बाबा की मजार और चामुंडा देवी मंदिर प्रबंधन को नोटिस जारी किए गए हैं...
Agra Mandir-Mazar Dispute : मंदिर और मजार के अतिक्रमण के कारण बंद हो सकता है आगरा में 'राजा की मंडी' रेलवे स्टेशन
Agra Mandir-Mazar Dispute : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ताजमहल (Ta Mahal) की नगरी आगरा में अतिक्रमण को लेकर एक मंदिर (Temble) और मजार (Mazar) को भारतीय रेल की ओर से नोटिस भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि दोनों ही धर्मस्थलों (Religious Places) ने रेलवे की जमीन को घेरकर कर रखा हुआ है जिसके कारण रेलवे (Railway) को परिचालन में परेशानी हो रही है। वहीं, रेलवे के सूत्रों के अनुसार इस मंदिर की वजह से राजा की मंडी नाम का रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए बंद किया जा सकता है। दूसरी ओर इस मामले में स्थानीय लोग, पुजारी और साधु-संत भी मुखर हो गए हैं, वे रेलवे की इस नोटिस का विरोध कर रहे हैं।
आपको बता दें कि रेलवे ने ये नोटिस अपनी जमीन से कब्जे हटाने के लिए भेजे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे के उत्तर मध्य जोन की ओर से आगरा में भूरे शाह बाबा की मजार और चामुंडा देवी मंदिर प्रबंधन को नोटिस जारी किए गए हैं। मजार की देखरेख करने वाले सज्जादा नाशिम को 25 अप्रैल को जारी किए गए नोटिस में रेलवे की ओर से कहा गया है कि यह मजार आगरा छावनी रेलवे बोर्ड के स्वामित्व वाली जमीन पर बनाई गई है और 182.57 वर्ग मीटर जमीन अवैध रूप से कब्जाई गई है।
नोटिस में मजार के निर्माण के बचाव में दस्तावेज बोर्ड के सामने 13 मई तक पेश करने को कहा गया है। नोटिस में नाशिम को जमीन के स्वामित्व को साबित करने और 13 मई को सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि अगर मजार की देखरेख करने वाले इस तारीख पर पेश नहीं होते तो अधिकारी और अदालत एक पक्ष की दलीलें सुनकर ही अपना ले लेंगे।
ठीक इसी तरह चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Mandir) के प्रमुख पुजारी को 12 अप्रैल को भेजे गए नोटिस में रेलवे ने कहा है कि मंदिर का एक हिस्सा राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर अतिक्रमण कर रहा है और इससे यात्रियों को असुविधा होने के साथ ट्रेनों के आवागमन पर भी असर पड़ता है।" नोटिस में प्लेटफॉर्म और रेलवे (Platform and Railway) की जमीन से मंदिर के हिस्से को हटाने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है।
( जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रु-ब-रु कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं। हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है।
साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है। सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आएं और अपना सहयोग दें।)