कृषि वैज्ञानिक वरिंदर पाल सिंह ने केंद्रीय मंत्री के हाथों अवॉर्ड लेने से किया इनकार, बोले मेरा जमीर इजाजत नहीं देता

वरिंदर पाल सिंह को बेहतरीन खोज के लिए फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से गोल्डन जुबली अवॉर्ड से सम्मानित किया जाना था, इसके लिए सोमवार को दिल्ली में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था...

Update: 2020-12-10 08:52 GMT

लुधियाना। केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा सितंबर 2020 में पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। एक ओर किसान इन कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर से सरकार इन कानूनों में केवल संशोधन करने का आश्वासन दे रही है। जिसके चलते छह राउंड की वार्ता के बाद भी ये गतिरोध थम नहीं रहा है।

वहीं इस बीच किसानों के समर्थन और कृषि कानूनों के खिलाफ अवॉर्ड वापसी का सिलसिला भी जारी है। हाल ही में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बाद समेत कई जाने-माने लोगों ने अपने अवॉर्ड वापस किए हैं। इस इसी कड़ी में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध मृदा वैज्ञानिक वरिंदर पाल सिंह का नाम भी जुड़ गया है। 

वरिंदर पाल सिंह को बेहतरीन खोज के लिए फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से गोल्डन जुबली अवॉर्ड से सम्मानित किया जाना था। इसके लिए सोमवार को दिल्ली में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसी दौरान वरिंदर पाल सिंह ने केंद्रीय मंत्री रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा के हाथ से अवॉर्ड लेने से इनकार दिया।

Full View

मंच पर पहुंचकर उन्होंने कहा कि वह इस अवॉर्ड के लिए सरकार का धन्यवाद करते हैं। भविष्य में वह इसी तरह मेहनत से काम करते रहेंगे लेकिन इस समय पंजाब का किसान सड़कों पर है, ऐसे में वह उन किसानों के समर्थन में यह अवॉर्ड नहीं लेंगे।

अवॉर्ड लेने से इनकार करने का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल है। बता दें कि वरिंदर पाल सिंह की गिनती देश के बड़े कृषि वैज्ञानिकों में होती है। उन्होंने एक ऐसी तकनीक को विकसित किया है, जिससे खेत में कम यूरिया डालकर अच्छी फसल पैदा की जा सकती है। उनकी इस तकनीक के चलते पंजाब को एक वर्ष में 750 करोड़ की बचत होगी।

Tags:    

Similar News