महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है, नाराज कार्तिकेय सिंह ने नीतीश कैबिनेट से दिया इस्तीफा, सुशील मोदी बोले - अभी पहला विकेट गिरा है
Bihar News : एक दिन पहले नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय का चार्ज वापस लेकर उन्हें गन्ना मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन शाम होते-होते कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद से ही इस्तीफा दे दिया। कार्तिकेय अनंत सिंह और लालू यादव के करीबियों में शुमार किए जाते हैं।
Bihar News : बिहार में महागठबंधन ( Mahagathbandhan ) सरकार बनने के 21 दिनों के अंदर नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) कैबिनेट से पहला इस्तीफा हो गया। यह इस्तीफा उस समय हुआ जब नीतीश कुमार ने अपहरण कांड के दोषी मंत्री कार्तिकेय सिंह ( Kartikeya Singh ) का एक दिन पहले ही विभाग बदल दिया था। उन्हें कानून मंत्री से हटाकर गन्ना विभाग का चार्ज दिया गया था, लेकिन उन्होंने शाम होते-होते मंत्री पद से ही इस्तीफा दे दिया। खास बात यह है कि सीएम नीतीश कुमार ने भी बिना देरी किए कार्तिकेय सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
बिहार ( Bihar ) के राज्यपाल राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी। अब गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है।
दरअसल, आरजेडी ( RJD ) विधायक और लालू यादव व राबड़ी देनी के करीबी कार्तिकेय सिंह ( Kartikeya singh ) के खिलाफ अपहरण के पुराने मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था। इसके बाद से वे विवादों में थे। कार्तिकेय सिंह को लेकर भाजपा ( BJP ) लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रही थी। इसी के बाद नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) ने बुधवार सुबह कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस लेकर उन्हें गन्ना उद्योग मंत्री बना दिया था लेकिन शाम होते होते कार्तिकेय सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया। कार्तिकेय सिंह को अनंत सिंह का करीबी माना जाता है।
कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने नीतीश सरकार पर तंज कसा है। नीतीश के करीबी रहे बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ( Sushil Modi ) ने ट्विट कर लिखा है कि अभी तो पहला विकेट गिरा है। देखते रहिए आगे क्या होता है। मोदी के इस ट्विट से साफ है कि भाजपा की ओर से महागठबंधन सरकार पर हमला जारी रहेगा। दूसरी तरफ ये भी संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश ने जो सोचकर आरजेडी से हाथ मिलाया था, वैसा हो नहीं रहा। यानि आने वाले दिनों में और भी उलटफेर हो सकते हैं, जो नीतीश जैसे नेताओं के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
अब क्या करेंगे नीतीश
बता दें कि नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) ने भाजपा ( BJP ) ने सियासी नाता तोड़कर महागठबंधन ( Mahagathbandhan ) के साथ मिलकर सरकार बनाई। इसके बाद कार्तिकेय सिंह ( Kartikeya singh ) ने 16 अगस्त को बिहार में हुए कैबिनेट विस्तार में मंत्रिपद की शपथ ली थी। वे आरजेडी ( RJD ) के कोटे से मंत्री बने थे और उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था। इसके बाद से विवाद शुरू हो गया। भाजपा के आक्रामक रुख के बाद नीतीश ने कार्तिकेय का विभाग बदल दिया तो वह नाराज हो गए और अपना इस्तीफा भेज दिया।
राजद विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज है। उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था लेकिन उन्होंने कोर्ट में सरेंडर तो नहीं किया और वे 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने पहुंच गए।