Allahabad University News : डॉ. विक्रम हरिजन मामले में इलाहाबाद विवि ने एससी आयोग को भेजा अपना जवाब, जानिए क्या है पूरा मामला?

विश्वविद्यालय की ओर से अनुसूचित जाति आयोग को भेजे गए जवाब में यह भी बताया गया है कि ना कभी डॉ विक्रम को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है ना कभी उनके साथ भेदभाव बरता गया है...

Update: 2022-04-15 06:44 GMT

Allahabad University News : इलाहाबाद के दलित प्रोफेसर मामले में आयोग ने 'जनज्वार' की खबर का लिया था संज्ञान

Allahabad University News : इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विक्रम हरिजन (Dr. Vikram Harijan) के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन (University Administration) ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को अपना जवाब भेज दिया है। विश्वविद्यालय ने अपने जबाव में यह आरोग लगाया है कि डॉ विक्रम विश्वविद्यालय को बदनाम कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय की ओर से अनुसूचित जाति आयोग को भेजे गए जवाब में यह भी बताया गया है कि ना कभी डॉ विक्रम को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है ना कभी उनके साथ भेदभाव बरता गया है।

आपको बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ विक्रम हरिजन के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जनज्वार की एक खबर के बाद संज्ञान लिया था। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विक्रम हरिजन मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने विश्वविद्यालय को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। बता दें कि इस मामले को जनज्वार ने सिलसिलेवार ढंग से उठाया था।

जनज्वार पर प्रकाशित वीडियो वायरल होने के बाद आयोग ने लिया था संज्ञान

डॉ विक्रम हरिजन की जनज्वार संपादक अजय प्रकाश (Ajay Prakash) से हुई बातचीत के आधार पर खबर और वीडियो का प्रकाशन हुआ था जो काफी वायरल भी हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी किया था।

गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक असिस्टेंट प्रोफेसर को महज इसलिए प्रताड़ित किया जा रहा था क्योंकि वह दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस मामले को लेकर डॉ. विक्रम हरिजन ने जनज्वार से बातचीत करते हुए बताया था कि, 'यह सभी आरोप जो उन्होंने लगाए हैं वह छात्रों के अनुसार लगाए हैं।

उन्होंने बताया था कि, विश्वविद्यालय के तमाम छात्रों का कहना है कि उन्हें जाति के आधार पर नंबर दिए जाते हैं। उन्होने कहा था कि एक सेमिनार के दोरान मेरा और मेरे मेहमानों का खाना तक रूकवा दिया गया तब पुलिस के हस्तक्षेप के बाद खाना मिल सका था। यह लोग तमाम तरह से मुझपर प्रेशर बनाने का प्रयास कर रहे हैं वह इसलिए की मैं छात्रों के हक की कोई बात न उठा सकूं।'

क्या था मामला?

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन ने 21 अक्टूबर 2019 को एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि यहां जातिगत आधार पर नंबर दिए जाते हैं। इस सहित प्रोफेसर विक्रम ने इविवि प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए विश्वविद्यालय में जातिवाद हावी होने जैसा आरोप भी लगाया था।

असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम का आरोप था कि विश्वविद्यालय में छात्र और शिक्षक जाति के आधार पर बंटे हुए हैं। शोध करने वाले छात्र शोध निदेशक के अलावा किसी अन्य शिक्षक से मिल भी नहीं पाते हैं। सीनियर और जूनियर शिक्षकों में आपसी खींचतान रहता है। जिसके चलते शोध का स्तर भी गिर रहा है। इस बात को लेकर प्रोफेसर विक्रम ने कुलपति व अन्य से बात भी की थी और ऐसे मामलों का समाधान किए जाने को लेकर भी कहा था।

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