'कुंवारे मत रहना, घर में पत्नी रहे तो दिमाग शांत रहता है' देश के बैचलर्स को ओवैसी का संदेश

Asaduddin Owaisi: मुंबई में कार्यक्रम के दौरान ओवैसी ने कहा कि जिनके घर में पत्नी रहती है उनता दिमाग शांत रहता है इसलिए कुंवारे मत रहना। बैचलर लोग परेशान करते हैं...

Update: 2021-12-12 08:08 GMT

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Asaduddin Owaisi: AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने देश के युवाओं को संदेश दिया है जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कार्यक्रम में शामिल युवकों से पूछा कि 'शादी करेंगे ना, बैचलर  मत रहना, बैचलर लोग बहुत परेशान करते हैं।' महाराष्ट्र में रैली को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जिनके घर में पत्नी रहती है उनका दिमाग भी शांत रहता है। इसके अलावा एआईएमआईएम प्रमुख (AIMIM Chief Owaisi) ने मुसलमानों को राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता से दूर रहने की सलाह दी।

ओवैसी का कुंवारों को मैसेज

मुंबई में ओवैसी ने रैली के दौरान मुस्लिम युवकों से सवाल किा क्या वे अपने बच्चों को अनपढ़ और गरीब ही रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "जो युवा अभी 18-19 साल के हैं, जल्द ही उनकी शादी होगी, उनके बच्चे होंगे। इसके आगे ओवैसी ने युवाओं से पूछा, "शादी करोगे न? ओवैसी ने कहा, "क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित किया जाए?" उन्होंने अपनी बात फिर से दोहराया और कहा,"बैचलर मत रहना, बैचलर लोग बहुत परेशान करते हैं। शादी शुदा लोगों की पत्नी घर में रहे तो आदमी का दिमाग भी शांत रहता है।"

मुस्लिम पढ़ना चाहते हैं- असदुद्दीन

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "महाराष्ट्र में 4.9 फीसदी मुसलमान स्नातक हैं, प्राइमरी में 22 फीसदी, सेकेंडरी में 13 फीसदी, कॉलेज में 11 फीसदी मुसलमान पढ़ रहे हैं।" ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों के बच्चे पढ़ना चाहते हैं। वे फीस के अभाव में पढ़ नहीं पाते लेकिन आरएसएस (RSS) बोलता है कि मुसलमान पढ़ना नहीं चाहते हैं।" महाराष्ट्र में मुसलमानों और मराठों की तुलना करते हुए ओवैसी ने कहा कि यहां मराठा बेहतर स्थिति में हैं। आंकड़े के जरिए असदुद्दीन ने दावा किया कि महाराष्ट्र में भूमिहीन मुसलमान 83 फीसदी हैं जबकि सिर्फ 8 फीसदी मराठा वर्ग भूमिहीन हैं।

धर्मनिरपेक्षता से दूर रहें मुसलमान

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष ने भाषण के दौरान मुस्लिम युवाओं को राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता (Political Secularism) से दूर रहने को कहा। उन्होंने कहा कि " सेक्युलरिज्म (Secularism) से मुसलमानों को क्या मिला? हमें नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिला। निर्णय लेने में हमारी भागीदारी नहीं थी। कोई अधिकार नहीं था। धर्मनिरपेक्षता शब्द ने मुसलमानों को नुकसान पहुंचाया है।" ओवैसी ने कहा, "धर्मनिरपेक्षता ने हमें कुछ भी नहीं दिया है। फिर भी, मुसलमान धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं। मैं राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता में विश्वास नहीं करता और न कभी करूंगा। मैं उस सेक्युलरिज्म को मानता हूं जो भारत के संविधान में है।"


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