Attack on Journalists : मध्यप्रदेश पुलिस ने पत्रकारों को थाने में बुलाकर किया निर्वस्त्र! BJP विधायक के खिलाफ खबर चलाने का आरोप
Attack on Journalists : मध्यप्रदेश के सीधी जिले में कई पत्रकारों को थाने में निर्वस्त्र कर दिया गया, आरोप है कि इन पत्रकारों ने विधायक के खिलाफ खबरें चलवाई थी....
Attack on Journalists : मध्य प्रदेश से देश को शर्मशार करने वाली एक तस्वीर सामने आयी है। देश में पत्रकारों के दुर्दशा की यह तस्वीर मध्य प्रदेश के सीधी जिले से आ रही है जहां सीधी जिले की पुलिस ने पत्रकारों को थाने में बुलाकर अर्धनग्न अवस्था में खड़ा कर दिया है। बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर यूट्यूब चैनल चलाते हैं और उनका यह हश्र भाजपा के विधायक खिलाफ एक खबर चलाने के बाद किया गया है।
इस तस्वीर में एक पत्रकार कनिष्क तिवारी भी हैं वे बघेली में अपने यूट्यूब चैनल पर खबरें चलाते हैं। उनके चैनल के सवा लाख सब्सक्राइबर हैं। बताया जा रहा है कि वे न्यूज नेशन चैनल से भी जुड़े हुए थे। बताया जा रहा है कि थाने में बस कपड़े ही नहीं उरवाये गए, परिसर में जुलूस भी निकाला गया। कनिष्क ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों विधायक के खिलाफ खबरें लिखी थीं। उन्होंने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया है कि थाने से तस्वीरें विधायक और उनके बेटे को भी भेजी गईं। पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को 18 घंटे थाने में रखा और पीटा।
खबरों के मुताबिक इन पत्रकारों ने भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ ख़बरें चलाई थीं जिससे शुक्ला नाराज़ थे। उनके कहने पर सीधी पुलिस ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली और थाने पर बुलाकर उन्हें इस तरह से अपमानित किया। वहीं, पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी आईडी से भाजपा सरकार और विधायकों के खिलाफ लिखते और ख़बरें दिखाते हैं।
तस्वीर मध्यप्रदेश के सीधी पुलिस थाने की है,
— Srinivas BV (@srinivasiyc) April 7, 2022
अर्धनग्न खड़े युवा स्थानीय पत्रकार है
इनका गुनाह है कि BJP MLA के खिलाफ खबर चलाने की हिमाकत इन्होंने की थी.. pic.twitter.com/b7oNpiiRYp
फ़िलहाल इस तस्वीर से मीडिया जगत में हड़कंप मचा हुआ है! आपको बता दें कि अभी एक दिन पहले ही दिल्ली प्रेस क्लब में देश भर में हो रहे पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ एक प्रेस वार्ता कर आवाज उठायी गयी थी। अभी हाल के दिनों में ही यूपी में पेपर लीक प्रकरण और ईवीएम मामलों में खबर प्रकाशित करने के आरोप में पत्रकारों को प्रताड़ित करने की खबरे आयी थी। उसके बाद में पत्रकार की पिटाई की खबर आयी थी। देश में सत्ताधारी दलों की ओर से पत्रकारों के शोषण का एक सिलसिला जैसा शुरू हो गया है।
खबरों के मुताबिक पत्रकार कनिष्क तिवारी और उनके साथी सीधी जिले के प्रसिद्ध रंगकर्मी नीरज कुंदेर की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने मौके पर मौजूद सभी पत्रकारों को खदेड़कर गिरफ्तार कर लिया। वपुलिस का आरोप है कि नीरज फर्जी आईडी देते हैं। पत्रकारों का आरोप है कि विधायक का भतीजा यह करता है। बस इसी बात पर पुलिस भड़क गई और पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें थाने ले जाकर उनके साथ मारपीट की गयी फिर उनके कपड़े उतरवा दिए गए।
सोशल मीडिया (Social Media) पर पत्रकारों के साथ हुए इस दुर्व्यवहार की तस्वीरें आने के बाद आम लोगों ने भी इस पर अपना आक्रोश जाहिर किया है। पवन यादव नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि ना तो भाजपा संसद में महंगाई का कड़वा सच सुनना चाहती है और ना ही उनके नेता अपने बारे में कड़वा सच सुनना चाहते हैं। ये किस कानून के तहत इन पत्रकारों के कपड़े उतरवा दिए पुलिस ने? पुलिसकर्मियों पर सख़्त से सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए पर होगी नही बल्कि उन्हें इनाम दिया जाएगा।
वहीं झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार डॉ विष्णु रजगढ़िया ने भी पत्रकारों के साथ हुए इस सलूक का विरोध करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि अहंकार तो बहुत बढ़ गया है इन लोगों का। उनके निशाने पर सत्ताधारी दल और पुलिस थी।