BHU News : बीएचयू के सुंदरलाल अस्पताल में बढ़ी OPD और पढ़ाई की फीस, छात्र संगठनों ने दी इस बात की चेतावनी
BHU News : बीएचयू के सुंदरलाल अस्पताल में ओपीडी की पर्ची का शुल्क अब 20 रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए कर दिया गया है।
BHU News : बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल की ओपीडी की पर्चा से लेकर जांच तक की फीस को डेए़ से दो गुना तक बढ़ा दिया गया है। स्थिति ये हो गई है कि मरीजों को मिलने वाली छोटी-मोदी दवाईयां व ग्लव्स तक अब खुद खरीदनी पड़ रही है, जो पहले अस्पताल से मिल जाती थी। इस बात की जानकारी मरीजों को जब पर्चा काउंटर पर 30 रुपए मांगने पर हुई। ज्यादा पैसा मांगने पर मरीज और उनके परिजन भी भौचक्के रह गए। बाद में पता चला कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए ही पंजीकरण की फीस बढ़ाई गई। मरीजों ने फीस बढ़ोतरी को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर की।
फेसबुक यूजर अरविंद गिरि ने अपने पोस्ट में बताया है कि बीएचयू हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले ज्यादातर लोग पूर्वांचल, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड के गरीब व ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं जो अपने किसी भी बीमारी के इलाज के लिए पूर्णतया इसी हॉस्पिटल पर निर्भर हैं। जो प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने के बारे में सोच भी नहीं सकते। ऐसे में इस तरह से बेतहासा वृद्धि एक बड़ी जनता को उनके मूलभूत स्वास्थ्य सुविधा से बेदखल करना है।
बीएचयू ने केवल ओपीडी ही नहीं शिक्षा की भी फीस बढ़ा दिया है। यह सीधे सीधे नई शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है जिससे अब विश्वविद्यालयों को अपना ज्यादातर खर्च खुद ही वहन करना होगा। जाहिर है कि छात्र छात्राओं से ही वसूल किया जाएगा।
उन्होंने बताया है कि लॉकडान ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। एक बड़ी आबादी अपने रोजगार से हाथ धो बैठी है। अभी भी रोजगार की कोई संभावना नहीं दिख रही। जैसे तैसे गरीब अपने जीवन का निर्वाह कर रहे हैं। ऐसे में इस समय फीस वृद्धि छात्र-छात्राओं व गरीब जनता पर दोहरा प्रहार है।
गिरि के मुताबिक फीस बढ़ोतरी से नाराज भगत सिंह छात्र मोर्चा ने हॉस्पिटल और शिक्षा की बढ़ी शुल्कों को तत्काल वापस लेने की मांग की है। अगर मांग नहीं मानी गई तो सभी छात्र एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। इंकलाब जिंदाबाद।
मरीजों ने जताई आपत्ति
बीएचयू अस्पताल में हॉस्पिटल मैनेजमेंट कमेटी की पिछले दिनों हुई बैठक में ही इसका फैसला लिया गया था लेकिन इसका पंजीकरण फीस बढ़ने की कोई सूचना पंजीकरण काउंटर पर नहीं चस्पा होने से सोमवार को 30 रुपए देने पर कुछ मरीजों ने आपत्ति जताई। अब दस रुपए फीस बढ़ने से हर दिन करीब 30 से 40 हजार रुपए की बढ़ोत्तरी होगी।
मरीजों का कहना है कि अब भी अस्पताल में न तो स्ट्रेचर समय पर मिल पाता है और न ही खराब लिफ्ट बन सका है। इसके अलावा आईसीयू में बेड की कमी भी बनी रहती है। ऐसे में इस तरह पंजीकरण की फीस बढ़ाना उचित नहीं लगता है।
पंजीकरण फीस वृद्धि के विरोध में उतरे छात्र
दूसरी तरफ ओपीडी पंजीकरण फीस में 50 प्रतिशत बढ़ाने का छात्रों ने विरोध किया है। बिरला बी छात्रावास में हुई एक बैठक में छात्रों ने मरीजों के हित में बढ़ी फीस को वापस लेने की मांग की है। साथ ही ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। छात्रों का कहना है कि इसका असर सीधे गरीबों की जेब पर असर पड़ेगा।