Bihar News: भागलपुर में कलयुगी बेटे की करतूत, कोरोना संक्रमित मां को अस्पताल में छोड़कर हुआ फरार

Bihar News: बिहार के भागलपुर में एक कलयुगी बेटे की करतूत से मानवता शर्मसार हो गया। जिस बच्चे को पाल पोष कर मां ने बड़ा किया उसी बेटे ने कोरोना संक्रमित अपनी मां को अस्पताल में छोड़कर लापता हो गया...;

Update: 2022-01-10 18:51 GMT
Bihar News: भागलपुर में कलयुगी बेटे की करतूत, कोरोना संक्रमित मां को अस्पताल में छोड़कर हुआ फरार
कोरोना संक्रमित मां को अस्पताल में छोड़कर बेटा फरार (प्रतीकात्मक तस्वीर)


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Bihar News: 'पूत कपूत सुने हैं, पर न माता सुनी कुमाता' मतलब कि बेटा अपनी मां के प्रति बुरा सोच सकता है, लेकिन मां अपने बच्चे के लिए कभी बुरा नहीं सोचती। एक मां अपनी अंतिम सांस तक उसके बच्चे का ख्याल रखती है। उस बच्चे का भी फर्ज है कि बुढ़ापे में वह उन लड़खड़ाती पैरों का सहारा बनें। मगर, बिहार के भागलपुर (Bhagalpur) में एक कलयुगी बेटे की करतूत ने मानवता को भी शर्मसार कर दिया। जिस बच्चे को पाल पोष कर मां ने बड़ा किया उसी बेटे ने कोरोना संक्रमित (Son Absconded Corona Infected Mother) अपनी मां को अस्पताल में छोड़कर लापता हो गया। बुजुर्ग संक्रमित महिला का इलाज अब अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों के भरोसे चल रहा है।

घटना बिहार (Bihar News) के भागलपुर में मायागंज अस्पताल की है। इस अस्पताल के एमसीएच कोरोना आइसोलेशन वार्ड में सोमवार 10 जनवरी की शाम को एक 80 साल की कोरोना संक्रमित बुजुर्ग महिला को भर्ती कराया गया। भर्ती कराने के कुछ देर बाद ही जब बुजुर्ग महिला ने शोर मचाना शुरू किया तो अन्य परिजनों ने इसकी शिकायत अस्पताल प्रशासन से की। अस्पताल में महिला को देखने वाला कोई भी परिचित नहीं था। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला के बीएचटी पर दर्ज मोबाइल नंबर पर कॉल किया। कॉल रिसीव करने वाले शख्स ने कहा कि बुजुर्ग महिला को शुगर की बीमारी के साथ-साथ कोरोना का संक्रमण (Corona Infection) भी है, ऐसे में उनके पास कौन जाए। इसलिए वे महिला को छोड़कर आ गए।

कुछ देर बाद अस्पताल वालों ने फिर से उसी नंबर पर फोन किया तो फोन उठाने वाली महिला ने जवाब दिया कि उनका बेटा कहां है उन्हें पता नहीं। इसके बाद अस्पताल कर्मचारी महिला मरीज को लेकर परेशान हो गये। बुजुर्ग संक्रमित महिला की हालत ऐसी थी कि वह बिना किसी सहारे के वह बिस्तर से उठ तक नहीं सकती है। रात में भोजन देने वाली एजेंसी का कर्मचारी संक्रमित बुजुर्ग के बेड तक गया और उसे खाना-पानी देकर चला आया। वहीं सोमवार की रात में नर्सों ने मरीजों का फालोअप किया तो उन्हें अन्य मरीजों ने बताया कि बुजुर्ग महिला काफी शोर मचाती है। मरीजों ने अस्पताल प्रशासन से बुजुर्ग महिला के बेड को कहीं और ले जाने को कह दिया। सोमवार की रात आठ बजे तक संक्रमित बुजुर्ग महिला ऐसे ही अपने बेड पर चिल्ला रही थी, लेकिन उसके बेटे या फिर किसी अन्य रिश्तेदार का कोई अता पता नहीं था।

मामले को लेकर मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने बताया कि बुजुर्ग महिला के परिजन के न होने के बावजूद मरीज का इलाज, भोजन-पानी का इंतजाम कराया जा रहा है। उस महिला बुजुर्ग का अपनों की तरह देखभाल करने के प्रबंध का आदेश वार्ड के हेल्थ मैनेजर को दे दिया गया है।
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