Bihar News: जीतन राम मांझी के पंडित वाले बयान पर कांग्रेस में घमासान, ब्राह्मन और दलित खेमे में बंटी पार्टी

Bihar News: जीतन राम मांझी के विवादित बयान के बाद कांग्रेस पार्टी दो खेमे में बंट गई है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने जहां जीतन राम मांझी पर कार्रवाई की मांग की है, तो वहीं कांग्रेस विधायक शकील अहमद पूर्व सीएम मांझी के सपोर्ट में उतर आए हैं।

Update: 2021-12-24 12:51 GMT

जीतन राम मांझी के बयान पर कांग्रेस में छिड़ा घमासान

Bihar News: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former Bihar Chief Minister Jitan Ram Manjhi) द्वारा ब्राह्मणों को लेकर दिया गया विवादित बयान का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में भाजपा नेता गजेंद्र झा द्वारा मांझी की जाभ काटने वाले बयान के बाद से प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। अब इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से अलग अलग प्रतिक्रिया आ रही है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने जहां जीतन राम मांझी पर कार्रवाई की मांग की है, तो वहीं कांग्रेस विधायक शकील अहमद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के सपोर्ट में उतर आए हैं। ब्राह्मन और दलित को लेकर विवाद से बिहार में अब राजनीति तेज हो गई है।

दरअसल, ब्राह्मनों को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान के बाद भाजपा नेता गजेंद्र झा ने मांझी के बयान का विरोध किया और ऐलान किया था कि जो भी जो ब्राह्मण का बेटा मांझी की जुबान काटकर मेरे सामने लायेगा उसे वो 11 लाख रुपये का ईनाम देंगे। गजेंद्र झा (Ganjendra Jha) के इस बयान के बाद भाजपा पार्टी ने उनपर कार्रवाई कर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। भाजपा की ओर कहा गया कि पार्टी में किसी के लिए भी अमर्यादित भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी में हिंसा की बात स्वीकार्य नहीं है।

इसी कड़ी में बिहार कांग्रेस के नेता आपस में भिड़ गए हैं। बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (State Congress President Madan Mohan Jha) जहां मांझी पर भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, तो वहीं, विधायक शकील अहमद उनकी बातों से इत्तेफाक रखते नजर नहीं आ रहे। बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Bihar Congress President Madan Mohan Jha) ने कहा कि जीतन राम मांझी का बयान भी गलत था, पर भाजपा ने उनपर कार्रवाई क्यों नहीं की। मदन मोहन झा ने कहा कि जिस तरह से भाजपा नेता गजेंद्र झा को पार्टी से निष्कासित किया गया है, वह सही नहीं है। छोटी लोगों पर कार्रवाई की जाती है। कार्रवाई अगर करना था तो मांझी जी भी एनडीए गठबंधन में ही थे, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए था। किन हालातों में उन्होंने इस तरह का बयान दिया था। एकतरफा कार्रवाई उचित नहीं है।

वहीं, कांग्रेस के विधायक शकील अहमद (Congress MLA Shakeel Ahmed) ने कहा कि दलितों पर हमेशा से अत्याचार हुआ है। दलित समाज को अपनी लड़ाई खुद ही लड़ीना पड़ता है। शकील अहमद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दलितों की इज्जत को बरकरार रखने का प्रयास किया है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि मांझी के बयान को दलितों के उत्पीड़न के संदर्भ से जोड़कर देखा जाना चाहिए। उन्होनें जो भी कहा उससे दलितों का दर्द बयां होता है। शकील अहमद ने कहा 'पार्टी अध्यक्ष किसी एक जाति और धर्म के अध्यक्ष नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने जिस तरह से मांझी और गजेमद्र झा के बयान की बराबरी कर दी वह उचित नहीं है।'

गौरतलब है कि बिहार के पूर्व सीएम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने ब्राह्मण को लेकर अपशब्द भाषा का प्रसोग किया जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ा। मांझी ने कहा कि 'ब्राह्मन मांस मछली खाते हैं, शराब पीते हैं, और हर तरह के कुकर्म करते रहते है।' मुसहर भुइयां समाज के एक कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने कहा था कि 'ब्राह्मण हमारे समाज के लोगों के घरों पर पूजा करने तो आते हैं लेकिन खाना खाने से (अपशब्द) पंडित इंकार कर देते हैं। ब्राह्मनों को लेकर मांझी के इस बयान के बाद कई शहरों में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ।

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