Bihar politics: नीतीश कुमार का NDA छोड़ना है अगर जनता से धोखा तो BJP भी इन राज्यों में कर चुकी है ये काम

बिहार की सियासत में आज बड़ा खेला हो गया है. नीतीश कुमार NDA से अलग हो गए हैं और RJD के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में लग गए हैं. इस मौके पर भाजपा ने नीतीश कुमार के इस कदम को धोखा करार दिया है. लेकिन जनता को वो दिन भी याद हैं जब भाजपा देश के अलग-अलग राज्यों में धोखा कर रही थी.

Update: 2022-08-09 13:59 GMT

Bihar Politics: बिहार की सियासत एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. क्योंकि नीतीश कुमार ने NDA का साथ छोड़ दिया और RJD समेत कुछ अन्य पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारी कर रही है. नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजभवन जाकर गवर्नर को इस्तीफा सौंप दिया. महज़ कुछ ही घंटों में नीतीश कुमार ने यह बड़ा फैसला लिया, हालांकि भाजपा और नीतीश कुमार के बीच जंग अंदरूनी थी, जो काफी लंबे अरसे से चल रही थी. नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद भाजपा सिर्फ मुंह देखती रह गई और प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार के इस कदम को 'धोखा' करार दिया.

गठबंधन टूटने के बाद मीडिया से बात करते हुए बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा,"हमने NDA के तहत 2020 का चुनाव एक साथ लड़ा, जनादेश जद-यू और बीजेपी को था, उसके बावजूद हमने ज्यादा सीटें जीतीं, नीतीश कुमार को सीएम बनाया गया. आज जो कुछ भी हुआ वह बिहार के लोगों और भाजपा के साथ विश्वासघात है." उन्होंने आगे कहा कि यह उस जनादेश के खिलाफ जो बिहार की जनता ने चुनाव में दिया था. बिहार की अवाम इसको कभी बर्दाश्त नहीं करेगी.

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महाराष्ट्र

अब भाजपा नेता संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार की इस हरकत को धोखा करार दिया लेकिन अगर वो पीछे मुड़कर अपनी पार्टी के इतिहास पर नजर डालें तो उससे ज्यादा किसी ने धोखा नहीं दिया. बल्कि सत्ता पलटने के मामले में भाजपा को महारत हासिल है. ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है. 40 दिन पीछे जाएं तो इससे भी बड़ा ड्रामा भाजपा महाराष्ट्र में खेल रही थी. जब एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी शिवसेना के विधायकों को लेकर फरार हो गए थे और उद्धव सरकार को धड़ाम से गिरा दिया था. क्या यह महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा नहीं है?

मध्य प्रदेश

इसके अलावा बड़ा उदाहरण मध्य प्रदेश में देखने को मिलता है. मार्च 2020 में अचानक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर ली थी. साथ ही वो कई विधायकों को अपने साथ भाजपा में ले गए थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के ऑपरेशन लोटस के तहत अपने तकरीबन दो दर्जन बागी विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे और कमलनाथ अपनी सरकार नहीं बचा पाए थे. दरअसल मध्य प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में वापस आई थी, ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा आला कमान से उम्मीदें थीं कि इस बार उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसके चलते सिंधिया बगावत पर उतर आए थे.

कर्नाटक

कर्नाटक में भी भाजपा ने जनता को 'धोखा' दिया. दरअसल विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाई थी. उसकी वजह थी जेडीएस और कांग्रेस. दोनों ही पार्टियों ने मिलकर राज्य में सरकार बनाई लेकिन सालभर बाद ही जेडीएस और कांग्रेस सरकार गिर गई. क्योंकि दोनों पार्टियों के कई विधायकों ने एकसाथ इस्तीफा दे दिया जिससे कुमारस्वामी की सरकार गिर गई. जिसके बाद भाजपा ने कर्नाटक में अपनी सरकार बनाई.

इसके अलावा मणिपुर, गोवा और अरुणाचल प्रदेश की जनता के साथ भी भाजपा 'धोखा' कर चुकी है. क्योंकि गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन राज्य में सरकार बनाने में नाकाम साबित हुई थी. क्योंकि भाजपा ने ऑपरेशन लॉटस चलाकर विधायकों को अपनी तरफ खींच लिया और कांग्रेस से पहले सरकार बनाने का दावा ठोक दिया. अब ऐसे में बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल को बताना चाहिए कि क्या यह इन राज्यों में भाजपा ने "धोखा" किया या नहीं.

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