बिहारः 6 जुलाई से शिक्षण संस्थानों के खुलने पर विशेष तैयारी, नयी गाइडलाइन के साथ 3 चरणों में खुलेंगे स्कूल

कोरोना संक्रमण को लेकर स्थितियां सामान्य रहीं तो 6 जुलाई से चरणबद्ध खुलेंगे स्कूल-कॉलेज, बिहार सरकार की विशेष तैयारी

Update: 2021-06-28 06:27 GMT

पटना।बिहार में कोरोना का कहर कम होने के बाद नीतीश सरकार ने शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर एक बड़ा एलान किया है। रविवार 27 जून को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के संक्रमण की स्थितियां सामान्य रहीं तो छह जुलाई के बाद शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। सभी संस्थानों को चरणबद्ध खोले जाने का फैसला करनेवाले राज्यों में अब तक बिहार ही एक मात्र है।

तीन चरणों में स्कूल खोलने की तैयारी

राज्य में कोरोना के केस में तेजी से आ रही कमी के बीच बिहार सरकार स्कूल खोलने पर विचार कर रही है। लेकिन बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए तीन चरणों में स्कूल को खोलने की तैयारी हो रही है। वो भी तब जब स्थितियां सामान्य रहेंगी।

दरअसल, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रविवार 27 जून को इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि स्थिति में सुधार होता रहा तभी बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शर्तों के साथ सरकारी एवं निजी स्कूल-कॉलेज खोलने की तारीख तय की जाएगी। फिलहाल शिक्षा विभाग के स्तर से शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी चल रही है।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी बच्चों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। बच्चों की जान जोखिम में डालकर शिक्षण संस्थान नहीं खोले जा सकते। छह जुलाई के बाद पहले चरण में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय खोले जाएंगे। दूसरे चरण में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 9वीं से 12वीं तक), तीसरे चरण में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों (कक्षा एक से आठ तक) के बच्चों के लिए कक्षाएं शुरू की जाएंगी।

शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की उपस्थिति पर शिक्षा विभाग की ओर से विशेष रूप से गाइडलाइन जारी होगी। एक दिन में केवल 50 फीसद विद्यार्थी ही कक्षा में उपस्थित होंगे। शेष 50 फीसद अगले दिन आएंगे। सभी जिलों में कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा।

कोरोना महामारी के कारण बंद है स्कूल-कॉलेज

बाजार के शर्तों के साथ खुलने के बाद अब शिक्षण संस्थानों को लेकर बिहार सरकार ने यह फैसला किया है। कोरोना महामारी के संक्रमण की स्थितियां सामान्य रहीं तो छह जुलाई के बाद चरणबद्ध ढंग से राज्य में शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी बच्चों की पढ़ाई को लेकर राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। हम शिक्षण संस्थानों को खोलना इसलिए भी चाह रहे हैं कि कोरोना महामारी के संक्रमण के चलते लगातार स्कूल-कालेज समेत अन्य शिक्षण संस्थान बंद हैं और इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित है। विशेषकर छोटे बच्चों की पढ़ाई का सिलसिला ही टूट जाता है, जिसे फिर पटरी पर लाना कठिन हो जाता है। उच्च कक्षाओं के विद्यार्थियों में अपनी पढ़ाई के प्रति जिम्मेदारी होती है, लेकिन छोटे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ शिक्षकों और सहपाठियों से संवाद के क्रम में ही बहुत कुछ सीखते हैं।

खास बात यह है कि कोरोना की तीसरी लहर जल्द आने की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी ने भी इसकी पुष्टि नहीं है। इसके बाद भी सभी राज्य सरकारें तैयारी में जुटी है। ऐसे वक्त में बिहार सरकार का शिक्षण संस्थान खोलने का निर्णय प्रमुख माना जा रहा है। उधर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक जुलाई से शिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा की है, लेकिन इस दौरान कैंपस में छात्रों के आने पर मनाही है। बच्चों की ऑनलाइन क्लास ही कराई जाएंगी। इसी तरह के निर्णय देश के अन्य कई राज्यों की भी सरकारों ने ली है।

Tags:    

Similar News