पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर पटना की सड़कों पर कांग्रेस ने निकाली साइकिल रैली
बिहार में विपक्षी दल सड़क पर हैं, एक सप्ताह पूर्व राजद ने साइकिल रैली निकाली थी तो अब कांग्रेस पटना की सड़कों पर उतर गई है....
जनज्वार ब्यूरो, पटना। देश मे पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रहीं हैं। इसे लेकर विपक्षी दल सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। खासकर बिहार में,जहां शीघ्र ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, विपक्षी दल इस मुद्दे पर ज्यादा मुखर हैं। 29 जून को बिहार में कॉंग्रेस ने सड़क पर उतरकर सायकिल रैली के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया।
एक सप्ताह पूर्व मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल ने पटना की सड़कों पर सायकिल रैली निकाली थी। डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर राजद नेताओं ने ट्रैक्टर को रस्सी से खींच कर भी अपना विरोध प्रदर्शित किया था।
29 जून को कॉंग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के नेतृत्व में पटना में बड़ी सायकिल रैली निकाली। काफी दिनों बाद पटना में कॉंग्रेस का इतना विशाल प्रदर्शन देखने को मिला। कॉंग्रेस की महिला नेत्रियां भी बड़ी संख्या में सड़क पर थीं। पार्टी के कई पूर्व अध्यक्ष, विधायक,विधान पार्षद और बड़े नेता इस रैली में शामिल हुए। रैली के कारण कई जगह जाम का भी नजारा देखने को मिला।
कई नेता हाथ से खींचे जाने वाले ठेलों पर बैठे थे तो कई नेत्रियां टमटम पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहीं थीं। नेताओं ने कॉंग्रेस के बैनर-झंडे लिए थे और नारे लिखी तख्तियां भी सायकिल पर लगा रखे थे। केंद्र और राज्य सरकारों के विरुद्ध सड़कों पर जोरदार नारेबाजी भी की गई।
प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा ने कहा ' केंद्र की एनडीए सरकार और बिहार सरकार दोनों जनविरोधी सरकारें हैं। जनता की समस्याओं से इनका कोई लेना-देना नहीं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें कम हैं, फिर भी सरकार रोज डीजल-पेट्रोल की कीमत बढ़ा रही है। यह कॉंग्रेस का नहीं,बल्कि जनता का विरोध प्रदर्शन है।'
हाल के दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हुआ है। एक मौके पर तो पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा हो गई। इसे लेकर विपक्षी दल देश में अलग-अलग प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें कम हैं,फिर भी देश में कीमतें बढ़ाई जा रहीं हैं।
बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर माह में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की बढ़ रही कीमतों ने विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का बड़ा मुद्दा दे दिया है। सभी विपक्षी दल अपने-अपने हिसाब से विरोध कर रहे हैं।