नेपाल पुलिस के कब्जे से मुक्त हुए लगनदेव ने लगाये गंभीर आरोप, कहा हुई थी मेरे साथ बर्बरता
सीतामढ़ी जिले के बॉर्डर पर नेपाल पुलिस की फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई थी, जबकि लगनदेव को नेपाल पुलिस अपने साथ ले गयी थी...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। लगनदेव राय नेपाल पुलिस के कब्जे से मुक्त होकर कल 13 जून को अपने गांव आ गए हैं। गांव के लोग अभी भी समझ नहीं पा रहे कि बेटी-रोटी के संबंध वाले नेपाल की पुलिस ने ऐसा क्यों किया। लगनदेव की पुत्रवधू भी नेपाल की ही है और बॉर्डर पर उसके मायके के लोगों के साथ मुलाकात के दौरान हुए विवाद के बाद ही सारा बवाल हुआ था।
दबाव तथा बिहार और नेपाल के वरीय अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के बाद शनिवार 13 जून की सुबह उन्हें रिहा किया गया। स्थानीय बीडीओ और थानाध्यक्ष ने रिसीव किया और पूरी जानकारी लेने के बाद उन्हें घर पहुंचाया।
शुक्रवार 12 जून को सीतामढ़ी जिला के सोनबरसा प्रखंड के जानकीनगर स्थित लालाबंदी बॉर्डर पर नेपाल के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया था। विवाद के दौरान नेपाल के जवानों द्वारा लगभग 20 राउंड फायरिंग कर दी गई थी। गोली लगने से एक युवक विकेश राय की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे।
लगनदेव राय को नेपाल पुलिस के जवान अपने साथ लेते गए थे। नेपाल और एसएसबी व बिहार के अधिकारियों की वार्ता के बाद शनिवार 13 जून को लगनदेव को छोड़ दिया गया था।
नेपाल पुलिस के कब्जे से मुक्त होकर घर पहुंचे लगनदेव राय घबराए हुए और नर्वस से थे। उन्होंने आरोप लगाया कि नेपाल में उनकी पिटाई बहुत पिटाई की गई। उन्होंने अपने जख्म भी दिखाए। उनका आरोप था कि बड़ी संख्या में नेपाली पुलिस ने उन्हें घेरकर पीटा। उन्होंने कहा कि वे भी समझ नहीं पा रहे कि अचानक ऐसा क्यों हुआ। पहले ऐसा कुछ नहीं होता था।
घटना के बारे में उन्होंने बताया कि उनके पुत्रवधू का मायका नेपाल में है। 12 जून शुक्रवार को वे लोग पुत्रवधू के मायके वालों से मिलने बॉर्डर पर गए थे। दोनों बॉर्डर के बीच के इलाके में बातचीत चल रही थी। वहीं कुछ देर बाद नेपाल के जवान आ गए और बकझक होने लगी। जवानों ने उनके बेटे को धक्का मारा। अचानक जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी।
नेपाल पुलिस के जुल्मों के शिकार हुए लगनदेव का कहना है कि बॉर्डर पर मौजूद नेपाल पुलिस के अफसर ने 10 जवानों को मौके पर बुलाया। इन्हीं 10 जवानों ने बॉर्डर पार से सीतामढ़ी में फायरिंग की, जिसमें विकेश कुमार नाम के एक युवक की मौत तक हो गई। लगन के इस बयान से नेपाल पुलिस के उस दावे पर सवाल उठ गए हैं जिसमें भारतीयों पर तस्करी का आरोप लगाया गया है। लगन के दावे को मानें तो ऐसा लगता है कि नेपाल पुलिस ने जानबूझकर और बगैर किसी वजह के फायरिंग की। एक तरफ नेपाल से भारत में रोटी-बेटी के रिश्ते की दुहाई दी जाती है, लेकिन इस घटना के बाद ऐसी दुहाइयां भी सवालों के घेरे में है।