बिहार में वज्रपात से 10 की मौत, जारी मानसून में अब तक 100 से ज्यादा लोग गंवा चुके हैं जान

बिहार के 7 जिलों में वज्रपात से 10 लोगों की मौत हो गई है। पूर्णिया जिला में एक घर पर आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के 3 लोगों की मृत्यु हुई है।

Update: 2020-07-19 14:01 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

जनज्वार ब्यूरो,पटना। कोरोना और बाढ़ के संकट के बीच बिहार में वज्रपात की घटनाओं ने भी कहर मचा रखा है। इस वर्ष के मानसून पीरियड में वज्रपात से अबतक 100 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। इन मृतकों में ज्यादातर खेती-किसानी से जुड़े लोग बताए जाते हैं। फसल बुवाई का मौसम होने से ज्यादातर लोग खेतों में काम करने के दौरान वज्रपात के शिकार हुए हैं।

बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 19 जुलाई को बिहार के पूर्णिया जिले में 3, बेगूसराय में 2, पूर्वी चंपारण में 1, मधेपुरा में 1, दरभंगा में 1, सहरसा में 1 तथा पटना जिला में 1 व्यक्ति की मौत वज्रपात से हुई है।

पूर्णिया जिला के धमदाहा थाना क्षेत्र के सिंघाड़ापट्टी गांव के तिलनगवा टोला में एक मकान पर बिजली गिर गई। इससे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में कैलाश मंडल, निभा देवी और दिलखुश कुमार शामिल हैं। बताया जाता है कि सभी अपने घरों में बैठे थे, तभी अचानक घर पर ही आकाशीय बिजली गिर गई। धमदाहा सीओ ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना सुबह लगभग 10 बजे की है।

उधर मधेपुरा जिला के चौसा में बारिश के दौरान ठनका गिरने से घर में आग लग गई, जिसमें एक महिला की मौत हो गई। मृतका चौसा पश्चिमी पंचायत के वार्ड 7 निवासी अंबिका पासवान की पत्नी आरुला देवी बताई जाती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का तुरंत भुगतान करने का आदेश दिया है।

मौसम विभाग ने वज्रपात के लिए आज चेतावनी भी जारी की थी। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 48 घँटों तक बिहार के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश, तेज हवा और वज्रपात की संभावना है।

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