बिहार:सारण के 7 प्रखंडों के 203 गांवों की ढाई लाख की आबादी पर बाढ़ से संकट
गोपालगंज में गंडक नदी का तटबंध टूटने के बाद सारण जिले के 7 प्रखंडों में बाढ़ के पानी से तबाही मच गई है। इसके साथ ही घोघारी आदि छोटी नदियां भी उफना गईं हैं।
सारण, जनज्वार। सारण जिला में भी बाढ़ से तबाही का आलम है। गोपालगंज में गंडक नदी पर बने सारण तटबंध के टूटने के बाद यहां के 7 प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। इन 7 प्रखंडों के 45 पंचायतों में स्थित 203 गांवों के लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां 2 लाख 52 हजार की आबादी बाढ़ के कारण संकट में है।
7 प्रखंडों के 203 गांव हैं प्रभावित
जिला के पानापुर, तरैया, परसा, मशरक, अमनौर, मकेर और मढौरा प्रखंड बाढ़ से पूरी तरह से प्रभावित हैं। इन इलाकों के लोग सड़क' बांध आदि स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। कुछ जगह राहत कैंप और सामुदायिक किचेन की व्यवस्था की गई है, पर प्रभावितों की संख्या के सामने यह नाकाफी है। लोग काफी परेशानी में हैं और कई इलाकों में लोगों को अस्थायी छत बनाने के लिए तिरपाल तक नहीं मिल सका है, इसलिए उनमें गुस्सा है।
सरकारी स्तर पर क्या है व्यवस्था
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों के लिए NDRF की 3 टीमों के 66 जवानों को लगाया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में 107 सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें 61645 लोग भोजन कर रहे हैं। 153 नाव और 13 मोटरबोट का संचालन किया जा रहा है। 7040 पॉलीथिन शीट वितरित किए गए हैं। 2 लाख 52 हजार की आबादी और 6 हजार पशु बाढ़ से प्रभावित हैं।'
अमनौर में गंडक और नहर बांध पर शरण लिए हैं पीड़ित
अमनौर में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सारण तटबंध के टूट जाने के बाद प्रखंड के हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। परशुरामपुर,कुआरी, डबर छपरा,नौरंगा,मधुबनी मकसूदपुर, पुरैना,नरसिंह, भानपुर ,मधुबनी, अमनौर सुल्तान,गोसी अमनौर समेत दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। ग्रामीण घर से बेघर होकर गंडक व नहर बांध पर ऊचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।अंचलाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि पांच राहत आपदा शिविर लगाया गया है। और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सात नाव की व्यवस्था की गई है।
मशरक की 10 प्रभावित पंचायतों में से 2 में ही कम्युनिटी किचेन
मशरक में बाढ़ के पानी के साथ घोघारी नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर से लोगो की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुख्य पथ एसएच 90 पर चैनपुर के पास पानी चढ़ने से आवागमन बधित हो गया है। एक दर्जन ग्रामीण पथ भी टूट चुके हैं। पीड़ित ग्रामीणों ने कहा कि चुनावी कुरुक्षेत्र के कुछ योद्धाओ द्वारा बिस्कुट का पैकेट , मुठ्ठी भर चुरा- गुड़ कुछ लोगो तक पहुँचा वाहवाही लूटी जा रही है । जबकि गांव के बीचोबीच फंसे लोगों की फिक्र किसी को नही है । प्रशासन की राहत मुठ्ठी भर लोगो के इर्द गिर्द सिमट कर रह गई है। दो पंचायत को छोड़ बाढ़ प्रभावित शेष 8 पंचायतों में अब भी कम्युनिटी किचेन खुलने का लोगों को इंतजार ही है।
इधर बुधवार की रात से दो फीट पानी बढ़ने से इन दोनों पंचायत के अलावे बहरौली , देवरिया अरना बारोपुर , छपिया , बलुआ , दुरगौली , चाँदबरवा , बरवाघाट , कवलपुरा , एकवना , बहादुरपुर , छपिया , डूमरसन , पदमौल , बंगरा , हँसपीर, चरिहारा , चैनपुर , मठिया , गाँव का सम्पर्क मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है। लोग कोरोना को भूल बाढ़ से बचने की कोशिश में हैं।
मकेर मे भी तेजी से पहुंचा बाढ का पानी
मकेर प्रखंड के बिक्रम कौतुका बउधा मे आज लगभग दोपहर से बाढ का पानी एकाएक बढने लगा। देखते- देखते पानी का रफ्तार इतना हो गयाकि पानी सड़क के उपर से बहने लगी। बिक्रम कौतुका, भेटवलिया, रेपुरा, जमालपुर, नयका टोला, चंदिला सहीत अन्य गांव के लोगो मे बाढ का भय व्याप्त हो गया है।