रेस्क्यू बोट पर महिला ने बच्ची को दे दिया जन्म, बाढ़ से बचाकर ला रही थी NDRF की टीम
बिहार के मोतिहारी में NDRF के रेस्क्यू बोट पर महिला ने बच्ची को जन्म दिया है। वहीं एक अन्य बोट, जो 37 लोगों को रेस्क्यू कर ले जा रही थी, उसका इंजन बीच नदी में फेल हो गया। इसमें सवार लोगों ने एक पेड़ के सहारे काफी देर तक बोट को बचाए रखा।
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में बाढ़ से तबाही मची है। 12 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। 1 लाख 23 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है तो बड़ी संख्या में लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं। इस बीच बाढ़ से घिरे पूर्वी चंपारण में एक महिला ने रेस्क्यू बोट पर ही बच्ची को जन्म दे दिया, वहीं एक रेस्क्यू बोट 37 लोगों को बचा कर ला रही थी, इसी बीच नदी में ही उसका इंजन फेल हो गया। दो घँटे बाद दूसरे बोट ने जाकर इन्हें रेस्क्यू किया।
मोतिहारी जिला में एक गर्भवती महिला और आशा वर्कर बाढ़ में फंसी थीं। NDRF को जानकारी मिली तो एक टीम रेस्क्यू करने पहुंची। महिला को प्रसव पीड़ा भी हो रही थी। टीम महिला को रेस्क्यू कर ला रही थी, इसी बीच रेस्क्यू बोट पर ही महिला ने बच्ची को जन्म दे दिया। बोट में साथ जा रहीं आशा वर्कर और एक अन्य महिला ने उसका प्रसव बोट में ही करा दिया। NDRF टीम के जवानों ने बताया कि प्रसव के पूर्व सभी महिलाओं को मास्क, सेनेटाइजर आदि दे दिए गए थे तथा संक्रमण से बचने के लिए सावधानियों की भी जानकारी दे दी गई थी। बाद में महिला और बच्ची को स्थानीय PHC में भर्ती कराया और दोनों ठीक बताए जा रहे हैं।
बिहार के सीतामढ़ी, मोतिहारी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, सारण, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, खगड़िया जिले पर बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों की 12 लाख 84 हजार से ज्यादा की आबादी बाढ़ की चपेट में है। इन 11 जिलों के 86 प्रखंडों के 625 पंचायतों के लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। अबतक 1 लाख 36 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं प्रभावित जिलों में NDRF की 25 टीमें तैनात की गईं हैं।
पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ से 1 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। यहां चंपारण बांध टूट जाने के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। NDRF की टीम राहत और बचाव कार्य कर रही है। इसी क्रम में NDRF की एक बोट बाढ़ में फंसे 37 लोगों को रेस्क्यू कर ले रही थी, इसी बीच बोट का इंजन फेल हो गया और बोट बीच नदी में फंस गई। NDRF के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों ने काफी देर तक एक पेड़ के सहारे बोट को डूबने से बचाए रखा। उसके बाद दूसरी नाव भेजकर इनका रेस्क्यू कराया गया।