बिहार से राजद-कांग्रेस के लिए बुरी खबर, दोनों दलों के दर्जनभर विधायक बदल सकते हैं पाला

अंदरखाने की खबर में खास बात यह है कि इनमें से राजद के विधायक लालू प्रसाद के पुराने सहयोगी हैं और राजद के 'एमवाई' समीकरण के हैं।

Update: 2020-07-03 13:44 GMT
File photo

जनज्वार ब्यूरो,पटना। बिहार में राजद और कांग्रेस के कुछ विधायक जदयू में जा सकते हैं। राजनैतिक दलों के अंदरखाने और रिपोर्ट के अनुसार राजद के करीब आधा दर्जन और कांग्रेस के भी आधा दर्जन विधायक पाला बदल सकते हैं। राजद के जिन विधायकों के पाला बदलने की खबर है, उनमें कुछ विधायक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खास बताए जा रहे हैं।

बिहार में शीघ्र ही विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग से लेकर राजनैतिक दलों तक सभी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। जैसा कि हर चुनाव से पहले होता रहा है, छोटे-बड़े नेताओं का एक से दूसरे दलों में जाने का दौर भी शुरू हो गया है।

राजद और जदयू के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से जो खबर निकलकर सामने आ रही है, वैसा अगर हो गया तो यह राजद के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, चूंकि जिन विधायकों का नाम लिया जा रहा है, वे लालू प्रसाद के जमाने से राजद के वफादार सिपाही रहे हैं।

इस बार के पालाबदल वाली खबरों में एक खास बात और है कि ये आधा दर्जन विधायक राजद के आधार वोटबैंक माने जाने वाले 'एमवाई' समीकरण के बताए जाते हैं, जिनमे पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे भी शामिल हैं। वे मंत्री भी रह चुके हैं और पार्टी में भी बड़े पदों पर रहे हैं। एक ऐसे यादव चेहरे के भी पाला बदलने की चर्चा है, जो मंत्री रह चुके हैं और लालू प्रसाद के काफी विश्वसनीय माने जाते हैं। रिपोर्ट लिखे जाने तक इस मामले में राजद की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

नेताओं के इस दलबदल में सत्ताधारी दल जदयू अभी सबसे भारी पड़ा है। राजद में भी दूसरे दलों से कई बड़े नेता आए हैं। दूसरा दल छोड़कर बीजेपी और कॉंग्रेस में अभी कोई बड़ा नेता नहीं आया है।

जदयू की नजर कोंग्रेस विधायकों पर भी बताई जा रही है। जदयू के अंदरूनी सूत्र दावा कर रहे हैं कि कॉंग्रेस के कम से कम पांच विधायक उनके संपर्क में हैं। दावा यह भी किया जा रहा है कि जदयू के एक बड़े नेता जो पहले कॉंग्रेस में थे, ये विधायक सीधे उन्हीं के संपर्क में हैं। हालांकि कॉंग्रेस इससे इनकार करती है। कोंग्रेस का कहना है कि यह सब अफवाह विरोधियों द्वारा उड़ाई जाती है और उनके सभी विधायक इन्टैक्ट हैं।

वैसे राजद के कुछ विधायकों की विगत गतिविधियों से सिद्ध हो गया है कि वे जदयू में जाने वाले हैं। इनमें तेजप्रताप यादव के ससुर व सारण के परसा से विधायक चंद्रिका राय, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अली अशरफ फातमी के पुत्र फराज फातमी आदि बताए जा रहे हैं। चंद्रिका राय ऎश्वर्या-तेजप्रताप प्रकरण के बाद से ही हमलावर हैं तो फराज फातमी के पिता अली अशरफ फातमी जदयू में शामिल हो चुके हैं। पर अभी जिन आधे दर्जन विधायकों की चर्चा हो रही है, ये इनसे अलग बताए जा रहे हैं।

वैसे तो सभी दल दावा करते हैं कि उनकी पार्टी के नेता दल की नीतियों-सिद्धांतों से प्रभावित हैं और उनके साथ मजबूती से हैं। सभी दल अपने विधायकों के भी इन्टैक्ट रहने के दावे करते हैं, पर नेता चुपके से दूसरे दलों में चले जाते हैं।

हाल के दिनों में नेताओं का एक से दूसरे दलों में जाने का सिलसिला शुरू हुआ है। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा, यह गति और तेज होने की बात कही जा रही है।

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