बिजली कटी तो जेनरेटर चलने में हुई देरी और वेंटिलेटर की बैट्री थी फेल, महिला की हो गई मौत

घटना बिहार के भागलपुर जिला के JLNMCH के गायनी आईसीयू की है। यहां सिस्टम की लापरवाही का यह मामला सामने आया है।

Update: 2020-07-18 09:02 GMT
File photo

जनज्वार ब्यूरो, पटना। इसे लापरवाही की हद कहें या सिस्टम का फेल्योर, कि महज 10 मिनट बिजली कटने के कारण एक महिला की जान चली गई। वह भी सरकारी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में। जहां जेनरेटर की सुविधा भी 24 घँटे के लिए उपलब्ध है।

मामला 17 जुलाई की रात का है। भागलपुर जिला के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज-सह-अस्पताल के गायनी आईसीयू में बूढ़ानाथ मुहल्ला निवासी चंद्रशेखर प्रसाद की 55 वर्षीया पत्नी निर्मला देवी को भर्ती किया गया था। उन्हें 17 जुलाई की सुबह ही भर्ती किया गया था। उनकी हालत क्रिटिकल थी, इसलिए उन्हें गायनी आसीयू में भर्ती कर वेंटिलेटर पर रख दिया गया। जिसके बाद उनकी स्थिति सुधरने लगी।

जेनरेटर चलने में हुई देरी, वेंटिलेटर की बैट्री भी थी खराब

परिजनों का कहना है कि 17 जुलाई की रात 8.55 बजे अचानक गायनी के आईसीयू की बिजली चली गई। बिजली कटने के 2-3 मिनट बाद ही वेंटिलेटर बंद हो गया। परिजन मरीज को दूसरे बेड पर लगे वेंटिलेटर पर लेकर गए। इसमें कुछ देर समय लग गया। जबतक दूसरा वेंटिलेटर चालू होकर काम करना शुरू करता, तब तक 9.05 मिनट पर महिला की मौत हो गई।

मौत के लगभग 3 मिनट बाद ICU की बिजली आपूर्ति जेनरेटर द्वारा शुरू हो गई, तबतक सब खत्म हो चुका था। जांच करने पर पता चला कि वेंटिलेटर की बैट्री खराब थी, अन्यथा बिजली कटने के कुछ देर बाद तक वह बैकअप देता और वेंटिलेटर चलता रहता।

परिजनों का आरोप-घटना के वक्त ICU में डॉक्टर-नर्स भी नहीं थे

परिजनों का आरोप है कि जब बिजली कटी, उस वक्त जिस आउटसोर्सिंग एजेंसी के जिम्मे जेनरेटर का जिम्मा है, उसका गार्ड गायब था। परिजनों के ढूंढने पर भी नहीं मिला। उनका आरोप है कि ICU में जिस नर्स की ड्यूटी थी, घटना के वक्त वह नहीं थी। डॉक्टर भी नहीं थे, जबकि ICU में 24 घँटे डॉक्टर-नर्स की तैनाती का दावा अस्पताल प्रशासन करता है और यही प्रोटोकॉल भी है।

क्या कहते हैं अस्पताल के अधिकारी

मायागंज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ कुमार गौरव कहते हैं 'वेंटिलेटर को अगर बिजली आपूर्ति नहीं थी, फिर भी उसमें लगे बैट्री के बूते उसे चलना चाहिए था। प्रथमदृष्टया जेनरेटर वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी तथा ICU में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर-नर्स की लापरवाही का मामला लगता है। घटना की जानकारी अस्पताल अधीक्षक को दे दी गई है। इस मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'

बहरहाल, अब जो भी जांच हो और जो भी कार्रवाई हो, जिनके परिजन की मौत हुई है, उनके लिए इन सबके क्या मायने। महज 10 मिनट की लापरवाही और सिस्टम की गैरजिम्मेदारी ने उनके परिवार के सदस्य को छीन लिया।

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