20 सैनिकों की शहादत के बाद बिहार में चाइनीज प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों पर पोती जा रही कालिख, निकले कैंडल मार्च

बॉर्डर पर देश के 20 जवानों की शहादत के बाद लोग भड़क गए हैं, बिहार में सोशल मीडिया पर 'बॉयकॉट चाइना' अभियान चल रहा है, शहीदों के परिजन चीन से बदले की मांग कर रहे हैं...

Update: 2020-06-18 09:23 GMT
जेसीबी में चढ़कर चाइनीज प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों पर इस तरह पोती जा रही कालिख

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बॉर्डर पर चीन के साथ हुई झड़प में बिहार के भी 5 जवान शहीद हो गए हैं। 17 जून को इनके शव पटना एयरपोर्ट पर लाए गए। राज्य के बड़े नेताओं ने एयरपोर्ट जाकर इन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। आज 18 जून को इनके पैतृक गांवों में इनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

शहीदों के परिजन चीन को कायर बताते हुए उससे बदला लेने की मांग कर रहे हैं और उसे बर्बाद होने के श्राप दे रहे हैं। इधर बिहार के लोग भड़क गए हैं। कहीं सड़कों पर उतर चीन के राष्ट्रपति का पुतला फूंक रहे हैं तो कहीं कैंडल जुलूस निकाला जा रहा है। पटना में चाइनीज प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों वाली होर्डिंग पर कालिख पोता जा रहा है। सोशल मीडिया पर 'बॉयकॉट चाइना'अभियान चलाया जा रहा है।

15 एवं 16 जून की दरम्यानी रात चीन बॉर्डर पर गलवान घाटी में हुई झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे। झड़प में चीन के 43 जवानों के मारे जाने की बात कही जा रही है। इस मुठभेड़ में बिहार के भी पांच जवान शहीद हो गए थे। इनमें पटना के हवलदार सुनील कुमार, भोजपुर के चन्दन कुमार, सहरसा के कुंदन कुमार,समस्तीपुर के अमन कुमार और वैशाली के जयकिशोर सिंह शामिल थे। 17 जून को इनके पार्थिव शरीर को पटना एयरपोर्ट लाया गया था।

चायनीज प्रोडक्ट के विरोध में निकला कैंडल मार्च

मूल रूप से पटना के बिहटा के रहने वाले शहीद सुनील कुमार का अंतिम संस्कार बिहटा में किया गया। अंतिम संस्कार में बड़ी भीड़ उमड़ी। यह भीड़ काफी आक्रोशित थी। शहीद की पत्नी ने कहा कि चीन ने कायरों की तरह पीछे से वार किया है। उन्होंने मांग की कि सरकार इन शहादतों का बदला चीन से ले।

इधर 17 जून को पटना, छपरा, मुजफ्फरपुर, कटिहार आदि जिलों में चीन के विरुद्ध लोग सड़कों पर उतर गए। मुजफ्फरपुर और पटना आदि शहरों में चीन का पुतला फूंककर आक्रोश जताया गया तो छपरा, कटिहार सहित कई शहरों में कैंडल मार्च निकाले गए।

पटना में 18 जून से चाइनीज प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों पर कालिख पोतने का अभियान शुरू हो गया है। पटना की सड़कों पर चाइनीज मोबाइल कंपनियों और अन्य उत्पादों के लगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स पर लोग कालिख पोत रहे हैं। बड़ी होर्डिंग्स पर कालिख पोतने के लिए जेसीबी मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। इन होर्डिंग्स पर 'नो चाइनीज प्रोडक्ट्स' लिख दिया जा रहा है।

जन अधिकार पार्टी (जाप) के अध्यक्ष पप्पू यादव भी आज 18 जून को अपने समर्थकों के साथ पटना की सडकों पर उतरे और चीनी समानों का विरोध करने की अपील की। साथ ही उन्होंने चीनी कंपनियों के विज्ञापन पर कालिख लगाकर उसे हटाने की मांग की। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव कोतवाली चौक पहुंचे और वहां अपने समर्थकों के साथ चीन कंपनियों के लगे विज्ञापनों पर कालिख लगाई। इस दौरान उंचे विज्ञापन होर्डिंग तक पहुंचने के लिए जेसीबी की मदद ली गई।

पप्पू यादव ने लद्दाख की गलवान घाटी पर चीनी सैनिक के साथ झड़प में बिहार के शहीद हुए सभी जवानों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चीन को पीछे धकेलने के लिए उसको आर्थिक रूप से तोड़ना आवश्यक है।

इससे पहले बुधवार 17 जून को पप्पू यादव पटना की कई दुकानों पर पहुंचे और चाइनीज सामान ना बेचने की अपील की। पप्पू यादव ने कहा कि चीन हमारे पैसों से ही हमें ही मार रहा है। पहले चीन ने कोरोना वायरस फैलाया, अब सीमा पर हमारे सैनिकों को नुकसान पहुंचा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत में चीनी सामान काफी संख्या में बेची जाती है और एक बड़ा व्यापार भारत के साथ होता है। पप्पू यादव ने सरकार से निवेदन किया की जल्द से जल्द अब समय आ गया है कि चीनी सामानों का बहिष्कार होना चाहिए। यह शुभ कार्य बिहार से हो शुरू हो रहा है।

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