बिहार में जांच की संख्या तो बढ़ी पर अन्य राज्यों से अभी भी कम, कोरोना मरीजों का आंकड़ा 48 हजार के पार

बिहार में 30 जुलाई को एक दिन में अबतक की सर्वाधिक 20801 मरीजों की जांच हुई। पहली बार एक दिन की जांच का आंकड़ा 20 हजार के पार पहुंचा है। सर्वाधिक जांच जुलाई महीने में ही हुई है।

Update: 2020-07-31 06:35 GMT

केरल में कोरोना केसों की संख्या सर्वाधिक (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 48 हजार को पार कर गया है। जांच में थोड़ी वृद्धि होने के बाद जुलाई महीने में ही सर्वाधिक मरीज सामने आए हैं। सर्वाधिक मरीज राजधानी पटना के हैं और रिकवरी दर हालांकि अभी भी राष्ट्रीय औसत से थोड़ा बेहतर है, पर उसमें कमी आई है। एक वक्त रिकवरी दर 75 प्रतिशत से ऊपर चली गई थी। इस बीच कोरोना वारियर्स डॉक्टरों की भी मौत लगातार हो रही है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में जुलाई महीने में ही सर्वाधिक 3 लाख 4 हजार 540 टेस्ट हुए हैं, जो कुल टेस्ट का लगभग 58 फीसदी है। कुल जांच 5 लाख 25 हजार 430 लोगों की हुई है। अर्थात मार्च में पहला केस मिलने के बाद से जून तक के 4 महीनों में 2 लाख 20 हजार 890 जांच हुई थी। 30 जुलाई को पहली बार एक दिन में जांच का आंकड़ा 20 हजार के पार पहुंचा है।

प्रति 10 लाख की आबादी को मानक बनाया जाय तो अन्य राज्यों की अपेक्षा बिहार में जांच का प्रतिशत कम है। 2011 की जनसंख्या के अनुसार बिहार की आबादी 10 करोड़ 40 लाख थी। पिछले 9 वर्षों में हुई अनुमानित वृद्धि को जोड़ दिया जाय तो राज्य की वर्तमान आबादी लगभग 11 करोड़ के आसपास हो सकती है। 11 करोड़ की आबादी में सवा पांच लाख लोगों की हुई जांच का औसत निकाला जाय तो यह प्रति 10 लाख की आबादी पर 4729 आता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद लगातार निर्देश दे रहे थे कि प्रतिदिन की जांच की संख्या 20 हजार से ऊपर पहुंचाई जाय। कोरोना काल में ही दो-दो बार स्वास्थ्य विभाग के सचिव को बदला गया। अब प्रत्यय अमृत को नया सचिव बनाया गया है। रैपिड एंटीजेन किट से प्रखंड लेबल पर जांच किए जाने का भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है।

बिहार में कोरोना से मृतकों की संख्या 285 पर पहुंच गई है। अबतक कई डॉक्टर भी कोरोना के कारण काल के गाल में समा चुके हैं। 30 जुलाई को भी राज्य में तीन डॉक्टरों की मृत्यु हो गई। जहानाबाद के सर्जन डॉ के राजन, मुजफ्फरपुर के डॉ एके सिंह और पूर्वी चंपारण के डॉ नागेंद्र सिंह की मौत कोरोना से हो गई। इससे पहले एक सिविलसर्जन सहित कई डॉक्टर कोरोना के कारण मौत के आगोश में जा चुके हैं।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 30 जुलाई तक राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 48001 हो चुकी है। इनमें से 16042 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 285 की मौत हो चुकी है। राज्य में ऐक्टिव मरीजों की संख्या अभी 31673 है। राज्य में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर अभी 65.98 है, जो राष्ट्रीय औसत 64.54 प्रतिशत से थोड़ा बेहतर है।

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