नीतीश के उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया बंगरा महासेतु का एप्रोच रोड

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 5024 करोड़ की लागत वाली 217 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं। इस बीच बिहार के गोपालगंज में वे जिस बंगरा घाट महासेतु का उद्घाटन करने वाले थे, उस ब्रिज का एप्रोच रोड ध्वस्त हो गया..

Update: 2020-08-12 09:30 GMT

Photo: social media

जनज्वार ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 12 अगस्त को 5024 करोड़ की लागत वाली 217 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं। इस बीच बिहार के गोपालगंज में सीएम नीतीश जिस बंगरा घाट महासेतु का उद्घाटन करने वाले थे, उसी ब्रिज का एप्रोच रोड ध्वस्त हो गया। 11 अगस्त मंगलवार की रात यह एप्रोच रोड ध्वस्त हुआ, जिसको आनन-फानन में ठीक किया गया। बताया जा रहा है कि उद्घाटन से महज कुछ देर पहले किसी तरह इसे काम लायक बनाया गया। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और गोपालगंज RJD द्वारा ट्विट किया गया है और सरकार पर निशाना साधा गया है।

बताया जा रहा है कि पिछले दिनों बाढ़ के कारण सारण तटबंध कई स्थानों पर टूट गया था, जिसके बाद इस क्षेत्र में बाढ़ के पानी का दबाव काफी बढ़ गया था। जिससे यह एप्रोच रोड बाढ़ के पानी का दबाव सह नहीं पाया और महासेतु का अप्रोच पथ करीब 50 मीटर के दायरे में ध्वस्त हो गया। हालांकि यह सवाल अपनी जगह कायम है कि बाढ़ तो आगे भी आएगी, तो आगे आनेवाली बाढ़ों के दबाव में क्या स्थिति होगी। वैसे ध्वस्त अप्रोच पथ को उद्घाटन से पहले ठीक किया गया। जहां यह ध्वस्त हुआ, वह जगह सारण जिला के पानापुर के सतजोड़ा के समीप है।

इससे पहले भी विगत दिनों गोपालगंज जिला में ही सत्तरघाट महासेतु का एप्रोच रोड उद्घाटन में महज 29 दिनों के अंदर ध्वस्त हो गया था, जिसपर काफी बवाल मचा था। सारण बांध के टूटने के बाद बंगरा घाट महासेतु से करीब 05 किलोमीटर दूर अप्रोच पथ पानी के दबाव से अचानक ध्वस्त हो गया। बताया जा रहा है कि यह पहली बार नही हुआ है, यह अप्रोच पथ आज से 12 दिन पहले भी टूटा था।

इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विट कर निशाना साधा है। उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्विट किए और भ्र्ष्टाचार की बात कह निशाना साधा। साथ ही सवाल पूछा कि जब उद्घाटन के पहले ही पथ ध्वस्त हो जा रही है, तो उद्घाटन की इतनी जल्दी क्यों है।


बंगरा घाट महासेतु एक महत्त्वपूर्ण पुल है। यह 509 करोड़ की लागत से बना है। इसे बनाने में 6 वर्षों का समय लगा है। इस महासेतु से चंपारण, सारण और मुजफ्फरपुर की आपस की दूरी बहुत कम हो जाएगी। साथ ही राजधानी पटना से भी इन इलाकों की दूरी कम हो जाएगी। यह गोपालगंज जिला में गंडक नदी पर बना है और जिला का चौथा पुल है। इस पुल की लंबाई डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा, 1506 मीटर है और यह 15 मीटर चौड़ा है।

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