Bihar News hindi: भ्रष्टाचार के आरोपी को बेस्ट कुलपति एवार्ड देने पर सीएम नीतीश ने बनाई दूरी तो राज्यपाल दिल्ली तलब

Bihar News hindi: उच्च शिक्षा केंद्र भ्रष्टाचार का अड्डा बनते जा रहे हैं।दर्जनभर कुलपतियों के खिलाफ अनियमितता के लगे आरोपों के बीच अब बिहार का मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय चर्चा में है।

Update: 2021-11-24 12:58 GMT

जीतेन्द्र उपाध्याय की रिपोर्ट

Bihar News hindi: उच्च शिक्षा केंद्र भ्रष्टाचार का अड्डा बनते जा रहे हैं।दर्जनभर कुलपतियों के खिलाफ अनियमितता के लगे आरोपों के बीच अब बिहार का मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय चर्चा में है। विश्वविद्यालय के कुलपति ने सीएम व राज्यपाल को पत्र लिखकर पूर्व में कार्यकारी कुलपति रहे सुरेंद्र प्रताप सिंह के समय उत्तर पुस्तिका खरीद के टेंडर मे गड़बडी़ की शिकायत की। इसके दो दिन बाद ही कार्रवाई के बजाए राज्यपाल ने आरोपित को बेस्ट कुलपति का एवार्ड देकर सम्मानित करने का काम किया।जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज होते देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत उनके शिक्षा मंत्री व अफसर कार्यक्रम से दूरी बना लिए।अब राज्यपाल से जुड़ा मामला होने के चलते प्रधानमंत्री की हो रही किरकिरी को देख दिल्ली दरबार में चर्चा शुरू हो गई है।जिसके तहत 24 नवंबर दिन बुधवार को राज्यापाल को दिल्ली बुला लिया गया।

कुलपति के पत्र पर गरमाया मामला

मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विवि के कुलपति प्रो. कुद्दुस ने चार दिन पूर्व राज्यपाल और सीएम नीतीश को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी। उन्होंने एक नहीं कई विश्वविद्यालयों में फर्जी भुगतान करने का मामला उजाकर किया है। उन्होंने पत्र में साफ शब्दों में कहा है कि उनपर फर्जी बिल पास करने का दबाव बनानेवाला खुद को राजभवन का करीबी बता रहा है। कुलपति ने बताया कि राजभवन की ओर से 19 अगस्त को नियुक्ति का पत्र निकाला गया। कुलसचिव ने इन्हें नियुक्ति के बाद पदभार नहीं लेने दिया। मुझे 23 अगस्त को पदभर ग्रहण को करने को कहा गया। लेकिन उस दिन बिना पदभार ग्रहण किए लौटना पड़ा। कुलसचिव द्वारा कहा गया कि ऊपर से आदेश है। कुलपति ने बताया कि इन्हीं चार दिनों में पूरी साजिश रची गई। उन्होंने 'कार्यकारी कुलपति सुरेन्द्र प्रताप सिंह की भूमिका की भी जांच की मांग' की। सुरेन्द्र प्रताप सिंह इस समय मिथिला विवि के कुलपति हैं।

एसपी सिंह पर है यह आरोप

प्रोफेसर एसपी सिंह पर यह आरोप मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विद्यालय विश्वविद्यालय में टेंडर में गड़बड़ी करने के संबंध में लगा है। जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहने के दौरान एसपी सिंह ने गड़बड़ी की साथ ही गलत ढंग से टेंडर देने और टेंडर में बंदरबांट भी किया। इस बात का खुलासा मौलाना मजहरूल हक के वर्तमान बीसी प्रोफेसर कुड्डूस ने सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल को पत्र लिखकर किया है। कुड्डूस को प्रभार देने से पहले एसपी सिंह ने आउटसोर्सिंग एजेंसी और उत्तर पुस्तिका खरीदारी के टेंडर को फाइनल किया था लेकिन जब नए कुलपति के रूप में प्रोफेसर कुड्डूस आए तो उन्होंने इस गड़बड़ी को उजागर किया जिसके बाद तीन सदस्यीय कमेटी जांच में जुटी है।

प्रोफेसर एसपी सिंह पर मैन पावर में गड़बड़ी करने के साथ ही 7 रुपए की उत्तर पुस्तिका को 16 रुपए में खरीदारी करने के लिए स्वीकृति देने का भी आरोप लगा है। दरअसल उत्तर पुस्तिका छापने का टेंडर लखनऊ के बीके इंटरप्राइजेज को मिला है जो कि मगध विश्वविद्यालय में भी कॉपी उपलब्ध कराता है। मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विवि के कुलपति प्रो. कुद्दुस ने दो मोबाइल नंबर जारी करते हुए कहा कि लखनऊ के अतुल श्रीवास्तव नामक व्यक्ति ने राजभवन के नाम पर फोन कर भुगतान करने का दबाव बनाया। साथ ही उत्तर पुस्तिका खरीद के टेंडर में 'कार्यकारी प्रभारी कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप की भूमिका की जांच की भी मांग' की है। कुलपति ने अपने पत्र में लिखा है कि 'विश्वविद्यालयों में लूट का खेल चल रहा है। इस खेल में बड़ा गिरोह कार्य कर रहा' है। विश्वविद्यालय को कॉपी देने वाले इस एजेंसी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है जिसकी जिम्मेदारी निगरानी के पास है। प्रोफेसर सिंह लंबे समय से आर्यभट्ट नालेज यूनिवर्सिटी और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति भी हैं।

राजभवन और राज्य सरकार के बीच बनी दूरी

बिहार में राजभवन और राज्य सरकार के बीच दूरी साफ नजर आने लगी है। कई विश्वविद्यालयों के कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद सरकार अब इससे किनारा करने लगी है। राज्यपाल फागू चौहान द्वारा 23 नवंबर को राजभवन में आयोजित चांसलर अवार्ड समारोह में शिक्षा मंत्री और विभाग के कोई अफसर शामिल नहीं हुए। यहां तक की सरकार के भी कोई प्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल नहीं हुए। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राजभवन में आयोजित समारोह में शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा कि चांसलर अवार्ड की स्थापना और फिर इसकी चयन प्रक्रिया को चांसलर आफिस ने तय किया है। इसमें न सरकार से सलाह ली गयी और न ही शिक्षा विभाग से। इस पूरी प्रक्रिया में राज्यपाल और कुलाधिपति कार्यालय सिर्फ शामिल है।

आरोपों के बीच राज्यपाल पहुंचे दिल्ली

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को अचानक दिल्ली तलब किया गया।. मंगलवार की शाम दिल्ली से उनकी बुलाहट हुई। बुधवार दोपहर दो बजे राज्यपाल दिल्ली के लिए रवाना हो गए। बताया जा रहा है कि पीएमओ ने राज्यपाल को दिल्ली बुलाया है। कहा जा रहा है कि राज्यपाल को दिल्ली में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से मिलने को कहा गया है। अचानक दिल्ली तलब किये जाने और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलने को लेकर बिहार के राजनीतिक गलियारे में तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। राज्यपाल के ऊपर कई गंभीर आरोप उच्च पद पर बैठे लोगों ने लगाया है। न केवल उनके नाम पर वसूली की बात सामने आयी है बल्कि उनपर भ्रष्टाचारी को संरक्षण देने का भी आरोप लगा है। अब राज्यपाल के दिल्ली तलब के बाद आगे के कदम पर सबकी नजर टिकी है।

यूपी से चल रहा भ्रष्टाचार का खेल

मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विवि के कुलपति प्रो. कुद्दुस ने मामले को उजागर करते हुए पत्र में लिखा कि दो मोबाइल नंबर से लखनऊ के अतुल श्रीवास्तव' नामक व्यक्ति ने राजभवन के नाम पर फोन कर भुगतान करने का दबाव बनाया है। बिहार के राज्यपाल का भी यूपी से ही नाता है,जो राज्य के आजमगढ ़ जिले के रहने वाले हैं। अभी हाल ही में 30 करोड़ रूपये के गबन के मामलों में घिरे मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद यादव का भी यूपी के गोरखपुर से नाताा है,जो फिलहाल आंख के जांच के नाम पर चिकित्सकीय अवकाश पर अभी वे गोरखपुर में ही है। ऐसे में यह आरोप पुष्ट होते नजर आ रहा है कि बिहार के विश्वविद्यालय में चल रहा यह भ्रष्टाचार का खेल यूपी से चल रहा है। जिसकी पुष्टी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।

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