बिहार: विधान परिषद जाने के लिए मान गए मुकेश साहनी, कुछ ही घण्टों में क्यों हो गया हृदय परिवर्तन

साहनी के विधान परिषद की ऑफर की गई सीट पर नामांकन से इंकार कर दिए जाने के बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं थीं, चूंकि साहनी खुद विधानसभा का पिछला चुनाव हार जाने के बावजूद मंत्री बनाए गए हैं..

Update: 2021-01-18 02:57 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार की एनडीए गठबंधन की सरकार में शामिल वीआईपी सुप्रीमो मुकेश साहनी आखिरकार मान गए। बिहार विधान परिषद की कम टर्म वाली सीट मिलने से नाराज साहनी ने पहले यह एलान कर दिया था कि वे पूरे छह साल की कार्यावधि वाली विधान परिषद की सीट चाहते हैं, लिहाजा वे बीजेपी की ओर से ऑफर की गई विधान परिषद की सीट के लिए अपना नामांकन नहीं करेंगे। सवाल यह है कि सीधा इंकार करने वाले साहनी का कुछ घण्टों के भीतर ही हृदय परिवर्तन कैसे हो गया।

बता दें कि साहनी बिहार की नीतीश कैबिनेट में मंत्री हैं और उनकी पार्टी ने एनडीए के घटक दल के रूप में विधानसभा का पिछला चुनाव लड़ा था। उनकी पार्टी को 4 सीटें मिली थीं।

बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है और एनडीए को 125 सीटें मिली थीं। जाहिर है कि 4 सीटों के साथ साहनी की भूमिका नीतीश सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

साहनी के विधान परिषद की ऑफर की गई सीट पर नामांकन से इंकार कर दिए जाने के बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं थीं। चूंकि साहनी खुद विधानसभा का पिछला चुनाव हार जाने के बावजूद मंत्री बनाए गए हैं, इस कारण छह माह के भीतर उनका किसी सदन का सदस्य बनना आवश्यक है।


बताया जा रहा है कि साहनी की नाराजगी के बीच रविवार की दोपहर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फोन उनके पास आया। जानकार बताते हैं कि अमित शाह ने मुकेश सहनी को फिलहाल उप चुनाव में प्रत्याशी बनने को कहा।

साथ ही यह भरोसा भी दिलाया कि बाद में भी बीजेपी उनका ख्याल रखेगी। कहा जा रहा है कि अमित शाह का फोन आने के बाद मुकेश सहनी के पास साहनी ने ट्रैक बदला, चूंकि बीजेपी की बात मानने के अलावा उनके पास ज्यादा विकल्प भी नहीं बच जा रहा था।

इसके बाद रविवार को दिन में जो मुकेश साहनी उखड़े हुए थे, उसी मुकेश साहनी ने रविवार की रात फेसबुक पोस्ट कर लिख दिया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें विधान परिषद उप चुनाव में प्रत्याशी बनाने की सूचना दी है। उन्होंने लिखा कि वे इसके लिए बीजेपी के कृतज्ञ हैं।

अपने फेसबुक पोस्ट में मुकेश सहनी ने यह भी जानकारी दी कि वे सोमवार को नामांकन करने जा रहे हैं। बता दें कि सोमवार को विधान परिषद के लिए नामांकन का आखिरी दिन है और बीजेपी एक सीट के लिए पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन को उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा कर चुकी है।

मुकेश साहनी के इस हृदय परिवर्तन के पीछे राजनीतिक जानकार वजह बताते हैं कि उनके पास बीजेपी की बात मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। चूंकि वे जानते हैं कि उनके चार विधायकों में से तीन बीजेपी के पुराने नेता हैं। अगर बीजेपी से समझौता टूटने और सरकार को छोड़ने की नौबत आयी तो वे विधायक किस ओर जायेंगे यह उन्हें भी मालूम है।

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