Bihar News: दिनदहाड़े 60 फुट लंबा 500 टन भारी पुल चोरी, अफसर बनकर आए चोर, पुल कटवाया, ट्रक पर लादा और चल दिए
Bihar News: बिहार के रोहतास जिले में चोरों ने तीन दिन में 60 फीट लंबे और 500 टन वजनी लोहे का पुल ही गायब कर दिया।
Bihar News: दिनदहाड़े 60 फुट लंबा 500 टन भारी पुल चोरी, अफसर बनकर आए चोर, पुल कटवाया, ट्रक पर लादा और चल दिए
Bihar News: बिहार के रोहतास जिले में चोरों ने तीन दिन में 60 फीट लंबे और 500 टन वजनी लोहे का पुल ही गायब कर दिया. मजेदार बात यह है कि चोरों ने सिंचाई विभाग के कर्मचारियों से ही पुल कटवाया और गाड़ियों में भरकर उसका लोहा चुरा ले गए. यह पूरा कारनामा दिनदहाड़े हुआ और किसी को शक तक नहीं हुआ.
मामला रोहतास जिले के अमियावर गांव का है, जहां 60 फुट लंबा 50 साल पुराना लोहे का पुल चोर दिनदहाड़े चोरी करके ले गए और जनता, पुलिस, प्रशासन तथा नेता बस देखते रह गए. अब मामले की जानकारी होने के बाद असली अधिकारियों ने नकली अधिकारियों की पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है. बता दें कि उक्त गांव के पास अंग्रेजों के जमाने में गायब पुल का निर्माण कराया था.
गांव वालों ने मीडिया को बताया पुल से निकले लोहे को कुछ लोग पिकअप पर लादकर ले गए. पुल से बीस टन से अधिक लोहा निकला होगा. लेकिन लोहा वे कहां ले गए इसकी किसी को सही जानकारी नहीं है. जब उन्होंने पुल तोड़ने वालों से जानकारी ली तो उन लोगों ने खुद को सिंचाई विभाग का कर्मी बताया था.
दरअसल, चोर मौके पर पहुंचे और लोगों से बताया कि वे सिंचाई विभाग के अधिकारी हैं. उनके साथ बुलडोजर, गैस कटर और गाड़ियां भी थीं. यह पुल तीन दिन में काटा गया, इस दौरान जिले का कोई बड़ा अफसर यहां पूछने तो दूर देखने भी नहीं आया कि पुल कौन काट रहा. क्यों काट रहा है और इसकी अनुमति है भी या नहीं. 3 दिन तक असली अफसरों के नाक के नीचे नकली अफसर पुल की कटाई करते रहे और जब काम पूरा हो गया तो उसे ट्रक पर लादकर निकल लिए.
मजेदार यह है कि इस पुल को काटने में स्थानीय सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की मदद भी ली गई. ग्रामीणों का कहना है कि चोरों का यह कारनामा सुनकर हर कोई हैरान है. उन्होंने बड़ी सफाई से चोरी की. पुल पुराना हो गया था. हमने इसे हटाने के लिए आवेदन भी दिया था. जब कटिंग का काम शुरू हुआ तो हमने सोचा कि यह हमारे आवेदन के बाद चल रहा है.
इस मामले में विभागीय सहायक अभियंता राधेश्याम सिंह ने मीडिया को बताया कि घटना की जानकारी प्राप्त होने पर उन्होंने जेई को तत्काल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. सहायक अभियंता ने बताया कि उक्त पुल का अब उपयोग नहीं होता था. क्षतिग्रस्त हो चुके पुल में अक्सर मवेशी फंस जाते थे. स्थानीय मुखिया ने आवेदन देकर इसे हटाने का अनुरोध किया है, लेकिन किसी कानूनी प्रक्रिया के बिना यह पुल कैसे गायब हो गई, ये जांच का विषय है.