प्रवासी मजदूर करेंगे चोरी-लूटपाट, प्रदेश में फैलाएंगे अराजकता : पहले बिहार पुलिस ने कहा फिर मांगी माफी

पत्र में कहा गया है कि सरकार की अथक कोशिशों के बावजूद राज्य के अंदर सभी को वांछित रोजगार मिलने की संभावना कम है। इस कारण अपने एवं परिवार का भरण-पोषण करने के उद्देश्य से ये अनैतिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं...

Update: 2020-06-05 15:47 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस मुख्यालय के अपर महानिदेशक का एक सप्ताह पूर्व जारी पत्र सामने आने के बाद पटना में सियासी तूफान मच गया।विपक्ष ने पत्र को लेकर सरकार को घेर लिया और आनन-फानन में पुलिस मुख्यालय द्वारा पत्र को वापस ले लिया गया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस पत्र को फाड़ कर अपना रोष प्रकट किया। पुलिस मुख्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा 29 मई को जारी किया गया पत्र शुक्रवार 4 जून को सामने आया।

ह पत्र राज्य के जिला पदाधिकारियों,पुलिस अधीक्षकों और रेल पुलिस अधीक्षकों को संबोधित है। पत्र में कहा गया है कि बिहार में विगत दो माह में भारी संख्या में स्थानीय नागरिकों का आगमन हुआ है जो अन्य राज्यों में श्रमिक के रूप में कार्यरत थे। गंभीर आर्थिक परिस्थितियों के कारण ये सभी परेशान एवं तनावग्रस्त हैं।

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त्र में कहा गया है कि सरकार की अथक कोशिशों के बावजूद राज्य के अंदर सभी को वांछित रोजगार मिलने की संभावना कम है। इस कारण अपने एवं परिवार का भरण-पोषण करने के उद्देश्य से ये अनैतिक एवं विधि विरुद्ध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। इससे अपराध में वृद्धि हो सकती है तथा विधि-व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह समस्या सीमित में या व्यापक पैमाने पर हो सकती है।




 


त्र में इस परिस्थिति का सामना करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इस पत्र के सामने आते ही विपक्षी दलों ने मुद्दा बना लिया।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि प्रवासियों को लेकर सरकार की नीयत शुरू से ही ठीक नहीं। गरीब-मजदूरों को रोजगार देने के बजाय ऐसे पत्र निकाले जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से सामने आकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही उस पत्र को फाड़ कर उन्होंने अपना आक्रोश जताया। इधर बवाल के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने उस पत्र को निरस्त कर दिया है। आज एक दूसरा पत्र जारी कर दिया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि 29 मई के पत्र भूलवश जारी हो गया था और उस पत्र को तत्काल वापस लिया जाता है।

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सके बाद बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने भी पत्र को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि पुलिस को अपने सोर्सेज से विभिन्न तरह की सूचना मिलती रहती है।ऐसी ही सूचनाओं के आधार पर यह पत्र जारी किया गया था। हालांकि अब यह पत्र वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह पुलिस सोर्सेज और पुलिस के स्तर का मामला है, सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं।प्रवासी मजदूर करेंगे चोरी—लूटपाट, प्रदेश में फैलाएंगे अराजकता : पहले बिहार पुलिस ने कहा फिर मांगी माफी

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