Bihar Politics : पूर्व CM जीतनराम मांझी के विवादित बोल, कहा श्रीराम हैं काल्पनिक चरित्र भगवान से हजार गुना बड़े थे संत वाल्मीकि

Bihar Politics : मांझी ने एक वार्ता के दौरान कहा कि, महाकाव्य रामायण के लेखक महर्षि वाल्मीकि राम से हजारों गुना बड़े थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा 'यह मेरा निजी विचार है और मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता...

Update: 2021-10-20 15:44 GMT

(मुख्यमंत्री बिहार के साथ जुगलबंदी करते पूर्व सीएम जीतनराम मांझी)

Bihar Politics (जनज्वार) : एनडीए की सहयोगी पार्टी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। आज बुधवार 20 अक्टूबर को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में भगवान वाल्मीकि को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद एक बार फिर विवाद गहरा गया है। मांझी ने कहा कि 'भगवान राम एक काल्पनिक चरित्र थे।'

हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांझी ने एक वार्ता के दौरान कहा कि, 'महाकाव्य रामायण के लेखक महर्षि वाल्मीकि राम से हजारों गुना बड़े थे।' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा 'यह मेरा निजी विचार है और मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता।'

पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान

इससे पहले भी मांझी सितंबर में रामायण से जुड़ा विवादित बयान दे चुके हैं। पटना में मीडिया ने उनसे मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल करने को लेकर सवाल पूछा था। तब हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष ने पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल करने की जरूरत तो बताई थी, लेकिन साथ ही कहा था- 'रामायण की कहानी सत्य पर आधारित नहीं है।' श्रीराम महापुरुष थे, वह इस बात को भी नहीं मानते। उन्होंने रामायण को काल्पनिक ग्रंथ बताया था।

जाली सर्टिफिकेट वाले 5 सांसदों पर बवाल

इस दौरान पूर्व CM ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा- 'एक केंद्रीय मंत्री सहित 5 सांसदों को फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीटों से लोकसभा सदस्य के लिए चुना गया है।'

मांझी ने आरोप लगाते हुए कहा है 'BJP नेता और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, BJP से सांसद जयसिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद सादिक, TMC सांसद अपरूपा पोद्दार और निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा जाली प्रमाण पत्र के आधार चुनाव लड़ने के बाद SC के लिए आरक्षित सीटों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।'

आरक्षण का फायदा ले रहे जालसाज

केंद्रिय मंत्री ने कहा 'दलितों को नौकरियों और यहां तक की स्थानीय निकाय चुनावों में मिला 15 से 20% कोटा का लाभ भी जाली जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरे लोग हड़प रहे हैं।' उन्होंने सभी के लिए एक समान स्कूली शिक्षा प्रणाली और दलितों के लिए एक अलग मतदाता सूची बनाने की भी मांग की।

मांझी ने कहा- 'समाज के विभिन्न वर्गों के बच्चों के लिए सामान्य स्कूली शिक्षा समानता लाएगी और फिर आरक्षण की आवश्यकता नहीं होगी। यदि ऐसी शिक्षा प्रणाली 10 वर्षों तक लागू कर दी जाएगी तो सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।'

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