बिहार में सीट बंटवारे को लेकर तनातनी शुरू, अभी से दिखने लगा है कितना मजबूत रहेगा विपक्ष
यह चुनाव केवल सीट जीतने या सरकार बदलने का नहीं है। यह सरोकार बदलने का चुनाव है...
जनज्वार , पटना | बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। महागठबंधन को छोड़कर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी मंगलवार को अलग हो गई। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कांग्रेस को जिद छोड़ने की अपील की है। राजद ने कहा कि हठधर्मिता में नुकसान ना हो जाए। राजद के सांसद मनोज झा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस को बिहार के इस चुनाव के मिजाज को समझना चाहिए। यह चुनाव केवल सीट जीतने या सरकार बदलने का नहीं है। यह सरोकार बदलने का चुनाव है।
उन्होंने कांग्रेस के साथियों से अपील करते हुए कहा, "इतने बड़े आधर समूह के बावजूद अन्य साथियों को हम जोड़ रहे हैं। यह लड़ाई बहुत स्पष्ट है। हम भाजपा, जदयू की जनविरोधी सरकार को शिकस्त देना चाहते हैं। कांग्रेस को एक संख्या बता दी गई है, जो परिपूर्ण है।"
उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से कहा, "एक ऐतिहासिक संदर्भ में दोनों दलों के संबंध को देखिए। हठधर्मिता में नुकसान न हो जाए। हठधर्मिता गठबंधन पर भरी न पड़ जाए। हठधर्मिता से बिहार के लोग जो बदलाव चाहते हैं, उन्हें मायूस न होना पड़ा।"
उन्होंने कांग्रेस के साथियों से कहा कि "24 घंटे के अंदर फैसला लीजिए, जिससे हम जनता के सामने विकल्प साझा कर सकें।"
इधर, सूत्रों का कहना है कि राजद ने कांग्रेस को 58 विधानसभा सीटें और वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र देने का फॉर्मूला दिया है। कांग्रेस 70 से अधिक सीटों की मांग पर अड़ी है।
इस बीच, कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा को सीटों पर अंतिम निर्णय के लिए दिल्ली बुलाया गया है।