बिहार : मशहूर कैमेस्ट्री टीचर ने बैंक लोन चुकाने के दबाव में कर ली खुदकुशी, बैंकवालों ने छात्रों के सामने किया था अपमानित
सीबी सिंह ने बैंक से कर्ज लेकर कोचिंग खोला था। उससे पहले वे अन्य कोचिंग संस्थान में पढाते थे। नौ महीने लंबे लाॅकडाउन के शुरुआती महीनों में बंदी के बावजूद वे कर्ज चुकाते रहे लेकिन बाद में पैसे खत्म हो जाने की वजह से ऐसा कर पाने में असमर्थ हो गए थे...
जनज्वार ब्यूरो। बिहार के भागलपुर में एक कोचिंग संचालक ने बैंक लोन चुकाने के दबाव में आत्महत्या कर ली। कैमेस्ट्री के टीचर रहे सीबी सिंह ने पिछले साल बैंक से पर्सनल लोन लेकर अपना कोचिंग सेंटर खोला था, उसके बाद लाॅकडाउन लगाने से पठन-पाठन का कार्य बंद हो गया और उनकी आय रुक गयी। इसके बाद पिछले दिनों बैंक कर्मियों ने छात्रों के सामने उन्हें अपमानित किया था और गाली-गलौज की थी।
बिहार में राजधानी पटना के बाद शिक्षा के दूसरे प्रमुख केंद्र भागलपुर में सीबी सिंह कम ही समय में एक अच्छे कैमेस्ट्री टीचर के रूप में मशहूर हो गए थे। मूल रूप से बेगूसराय जिले के रहने वाले सीबी सिंह पठन-पाठन के कार्य के लेकर ही कुछ साल पहले भागलपुर में शिफ्ट हो गए थे और पहले वे एक कोचिंग संस्थान में फैकल्टी के रूप में पढाते थे।
कैंपे्रेहेंसिव कैमेस्ट्री के एक अच्छे शिक्षक के रूप में वे कम ही समय में मशहूर हो गए। इसके बाद उन्होंने अपना कोचिंग खोलने की योजना बनायी और इसके लिए एक बैंक से पर्सनल लोन लेकर अपने आवास पर ही आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करवा कर कोचिंग खोला। लेकिन, कोचिंग खोलने के कुछ ही समय बाद कोरोना महामारी की वजह से लाॅकडाउन लग गया और कोचिंग बंद हो गया।
हालांकि इस दौरान सरकार व रिजर्व बैंक के निर्देश पर बैंकों ने लोन चुकाने में छूट दे रखी थी, फिर भी सीबी सिंह समय पर अपने लोन की किस्त भरते रहे। पर, लाॅकडाउन अधिक लंबे समय तक खींचता चला गया और बाद के महीनों में उनके बचत के पैसे खत्म हो गए और लोन चुकाने में वे असमर्थ हो गए। इसके बाद बैंक वाले इसके लिए लागातार उन पर कर्ज चुकाने का दबाव बनाते रहे। पिछले दिनों उनके छात्रों के सामने बैंक वालों ने उन्हें अपमानित किया था और गाली गलौज की थी। इससे वे बुरी तरह आहत थे। इसके बाद शुक्रवार, आठ जनवरी 2021 को उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
मालूम हो कि नौ महीने के लाॅकडाउन के बाद चार जनवरी को कोचिंग संस्थानों को खोलने का आदेश आया। ऐसे में संस्थानों के गति पकड़ने और आय शुरू होने से पहले वे अतिरिक्त दबाव का सामना नहीं झेल पाए और अपनी जान दे दी।
शुक्रवार दिन में उन्होंने दूसरे कमरे में उस वक्त जाकर जहर खा कर जान दी जब उनके दो बच्चे व पत्नी अन्य कमरे में थे। उनके मुंह से झाग निकलता देखकर उनकी पत्नी ने इसकी जानकारी उनके मित्रों व बीएन काॅलेज में कार्यरत उनके भाई शशि सिंह को दी। लोग तुरंत घर पहुंचे और सीबी सिंह को लेकर भागलपुर मेडिकल काॅलेज अस्पताल गए जहां करीब पांच घंटे तक उनका इलाज चला। पर, शाम पांच बजे उनकी मौत हो गयी।