NEET परीक्षा में शामिल हुए बिहार के छात्र की पटना में कोरोना से मौत

यह मौत कोरोनावायरस से नहीं इस देश के अंहकारी वायरस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण हुई है

Update: 2020-09-24 16:06 GMT

पटना से नीट की परीक्षा देकर रविवार को घर लौटी सकरा की 20 वर्षीय छात्रा की एसकेएमसीएच में सोमवार की शाम मौत हो गई। जांच के बाद छात्रा की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जांच में उसके परिवार के दो सदस्य पॉजिटिव पाये गए है, जिनका इलाज पताही कोविड अस्पताल में चल रहा है। उन दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है।

डॉक्टर बनने का सपना लिए तैयारी कर रही बिहार की बेटी 13 सितंबर को नीट परीक्षा पटना में देने के बाद मुजफ्फरपुर के सकरा क्षेत्र के गांव में अपने घर लौटी। परिजनों के मुताबिक, 16 सितंबर को वह एग्रीकल्चर की परीक्षा भी देने गई थी। 17 सितंबर को उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां जांच में कोरोना संक्रमित निकली। उसे पहले पताही कोविड केयर सेंटर और फिर मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच ले जाया गया जहां सोमवार की शाम को उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। छात्रा के परिजनों की कोरोना वायरस टेस्टिंग की गई जिसमें उसकी छोटी बहन और भतीजी कोरोना पॉजिटिव निकली हैं। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने छात्रा की मौत पर रिपोर्ट मांगी है।

छात्रा की मौत को गंभीरता से लेते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिला स्वास्थ्य समिति से रिपोर्ट देने को कहा है। जिला स्वास्थ्य समिति ने एसकेएमसीएच को रिपोर्ट भेजने को कहा है। इस रिपोर्ट में यह बताने को कहा गया है कि छात्रा की मौत किन वजहों से और किन परिस्थितियों में हुई है। इलाज के दौरान छात्रा की तबीयत में सुधार था या नहीं? एसीएमओ विनय कुमार के मुताबिक, छात्रा की मौत से जुड़े सभी पहलुओं पर जानकारी जुटाकर रिपोर्ट भेजी जाएगी।

छात्रा के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग की जाएगी और फिर उनकी टेस्टिंग कराई जाएगी। एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉक्टर एसके शाही ने कहा कि जब उसको यहां लाया गया था तब उसके पेट में इंफेक्शन था। छात्रा का दाह-संस्कार कर दिया गया है। सकरा अस्पताल की तरफ से छात्रा के गांव में शिविर लगाकर कोरोना जांच की गई जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

बिहार में नीट परीक्षा देने के बाद कोरोना से संक्रमित हुए एक छात्रा के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार निशाना साधा उन्होंने बुधवार को ट्वीट में केंद्र सरकार को हठधर्मी बताते हुए कहा कि एक पार्टी के अंहकार ने एक मां-बाप के आंगन को सूना कर दिया। इतना ही नहीं यूपी के मुख्यमंत्री रह चुक अखिलेश ने सरकार के स्कूल खोलने के विचार का भी विरोध किया और इसे असुरक्षित विकल्प बताया


उन्होंने कहा कि "NEET परीक्षा देने से संक्रमित हुई बिहार की छात्रा की मृत्यु बेहद दर्दनाक है. भाजपा सरकार के हठधर्मी अंहकार ने आख़िरकार एक माँ-बाप का आँगन सूना कर दिया. परिवार भी संक्रमित है. अब भाजपाइयों को समझ आया होगा कि जनता विरोध में क्यों थी. दुखद!"

वही राष्ट्रीय जनता दल ट्वीट करते हुए सरकार को अंहकारी बताते हुए कहा, यह मौत कोरोनावायरस से नहीं, इस देश के अंहकारी वायरस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण हुई है। हमने लगातार मांग की जेई और नीट दोनों परीक्षाएं रद्द हुई। लेकिन सरकार अपनी आत्ममुग्धता में किसकी सुनती है ? देश की सरकार इस मौत की जिम्मेदार है।



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