बिहार में फिर 'जंगलराज' : एक ही परिवार के 2 लोगों की गोली मारकर हत्या, तीसरे की हालत गंभीर

रविवार की रात नागेंद्र सिंह और उनके परिजन घर पर ही थे, तभी बाइक सवार कुछ युवक पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, फायरिंग के बाद नागेंद्र सिंह और उनके भतीजे संजय सिंह को गोली लग गई.....

Update: 2020-11-23 08:55 GMT

सारण। बिहार के सारण जिले के गरखा थाना क्षेत्र के मोतीराजपुर गांव में रविवार 22 नवंबर की रात को अपराधियों फायरिंग कर एक ही परिवार के दो सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया, जबकि तीसरे की हालत भी गंभीर बनी हुई है। जब उन्होंने शोर मचाया तो गांव के लोगों वहां पहुंचे, फिर एक बदमाश को पकड़ लिया जिसे बाद में पुलिस को सौंप दिया गया। एसपी और थानाध्यक्ष अमृतेश कुमार ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। पुलिस ने एक दर्ज बम और एक रायफल बरामद की है।

जानकारी के मुताबिक दोनो मृतक चाचा भतीजे बताए जा रहे हैं। मृतक की पहचान नागेंद्र सिंह (60 वर्षीय) और उनका भतीजा संजय सिंह (25 वर्षीय) के रूप में हुई है। घटनास्थल से परशुराम नाम के अपराधी को स्थानीय लोगों ने दबोच लिया। इस घटना के बाद से इलाके में लोग खौफ के साए में रह रहे हैं।

रविवार की रात नागेंद्र सिंह और उनके परिजन घर पर ही थे। तभी बाइक सवार कुछ युवक पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के बाद नागेंद्र सिंह और उनके भतीजे संजय सिंह को गोली लग गई। परिजन दोनों को लेकर गडख़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया जबकि जख्मी नित्यानंद सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया। सदर अस्पताल के चिकित्सक के अनुसार गोली उनके पेट में लगी है।

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इस घटना को लेकर एसपी धुरत शायली सावलाराम ने बताया कि गड़खा के मोतीराजपुर में दो व्यक्तियों की गोली मारकर हत्या की गई है। एक अन्य युवक घायल हुआ है। घटनास्थल से एक बदमाश की गिरफ्तारी की गई है। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार बदमाश परशुराम राय है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। 30 नवंबर को नागेंद्र सिंह की बेटी की शादी होनी थी। घर में उसकी तैयारी चल रही थीं। वारदात के बाद कोहराम मच गया है। पुलिस गांव में कैंप कर रही है।

बिहार के प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दल राजद ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राजद ने एक ट्वीट में लिखा, प्रभावित परिवारों के लिए ये प्रियजनों के पार्थिव शरीर हैं। आम नागरिकों के लिए यह भयभीत करने वाला कानून व्यवस्था और सरकारी संवेदनहीनता की गाथा कहता दृश्य है। पर संवेदनहीन सरकार और भ्रष्ट प्रशासन के लिए यह बस एक ढेर है जिसे नियत प्रक्रिया व औपचारिकता के बाद परिवार को सौंपना है।



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