बिहार में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की भाजपा ने उठायी मांग, जदयू ने दी सधी प्रतिक्रिया
मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के बाद कई अन्य भाजपा शासित राज्य लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की पहल करने वाले हैं, ऐसे में यह देखना दिचलस्प होगा कि छोटे दल की भूमिका में आ चुके जदयू इस मामले पर भाजपा के दबाव से कैसे निबटता है...
जनज्वार। भाजपा शासित कई राज्यों ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की पहल कर दी है। ऐसे में बिहार में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग उठी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। गिरिराज सिंह ने नीतीश सरकार से लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग करते हुए कहा है कि यह विषय राज्यों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार को यह समझना चाहिए कि लव जिहाद को रोकना और जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में कानून बनाने का संबंध सामाजिक समरसता से है न कि यह सांप्रदायिकता को बढावा देना है।
गिरिराज सिंह की इस टिप्पणी पर जदयू ने सधी प्रतिक्रिया दी है। जदयू नेता संजय सिंह ने कहा है कि हमारे नेता नीतीश कुमार सभी धर्माें और जातियों को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं। कोई सरकार क्या फैसला करती है, यह उनका मामला है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमारी सरकार को फैसला लेना है अैर नीतीश कुमार ने कभी दबाव की राजनीति नहीं करती। उन्होनंे कहा कि समाज को तोड़ने वाला कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बिहार में इस बार भी गृह विभाग को नीतीश कुमार ने अपने पास रखा है और यह मामला उसी के तहत आता है। यानी भाजपा की पेशकश पर राज्य में अगर ऐसा कोई प्रस्ताव तैयार होता है तो वह सीधे नीतीश कुमार के टेबल से होकर गुजरेगा। ऐसे में यह देखना दिचलस्प होगा कि अब बिहार में बड़ी सत्ताधारी पार्टी की भूमिका में आ चुकी भाजपा का इस पर आगामी दिनों में क्या स्टैंड होता है।
मालूम हो कि कई भाजपा शासित राज्यों ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की पहल की है। मध्यप्रदेश में इस संबंध में विधेयक बनकर तैयार है, जिसे आने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। वहीं, उत्तरप्रदेश में इस संबंध में प्रकिया शुरू हुई है और गृह विभाग ने विधि विभाग को प्रस्ताव भेजा है।
उधर, भाजपा शासित हरियाणा, कर्नाटक व हिमाचल प्रदेश भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने को तैयार हैं। नीतीश कुमार भाजपा के साथ राजनीति करते हुए भी अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाये रखने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि छोटी पार्टी की भूमिका में जदयू के आने के बाद वह भाजपा का दबाव किस तरह झेलता है।