केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के बिहार के बजट में की 50 फीसदी कटौती

समग्र शिक्षा अभियान के तहत काम कर रहे 2 लाख 70 हजार शिक्षकों के वेतन मद में 10 हजार करोड़ की मांग बिहार सरकार द्वारा की गई,पर स्वीकृत सिर्फ 3500 करोड़ हुई अर्थात लगभग 91 हजार शिक्षकों के वेतन मद की राशि स्वीकृत नहीं हुई....

Update: 2020-06-13 11:31 GMT
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जनज्वार ब्यूरो, पटना। यूं तो केंद्र में भाजपानीत एनडीए की सरकार है और बिहार में भी एनडीए की ही सरकार है। ऐसे में सामान्य समझ तो यही कहती है कि केंद्र तथा राज्य की सरकार मिल-जुलकर बिहार के विकास को गति दे रहीं होंगी, पर जो मामले सामने आ रहे हैं,उनसे सामान्य समझ की यह बात बेमानी साबित हो जा रही है।

बिहार सरकार द्वारा विभिन्न केंद्रीय योजना मदों,टैक्स और केंद्रीय योजनाओं के केन्द्रांश का बकाया देने की मांग समय-समय पर उठाई जाती रही है। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों जगह एक ही गठबंधन की सरकार होने के बावजूद दोनों के बीच तालमेल की स्थिति क्या है।

ताजा मामला राज्य के समग्र शिक्षा अभियान से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार ने बिहार के समग्र शिक्षा अभियान के बजट में सीधे 50 फीसदी की कटौती करते हुए इसे आधा कर दिया है। 16 हजार करोड़ रुपये के इस बजट को काट कर केंद्र ने आठ हजार करोड़ रुपये का कर दिया है।अब बजट में आठ हजार रुपये की कटौती ने बिहार सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। सबसे मुश्किल यह है कि केंद्र ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत काम कर रहे 91 हजार शिक्षकों के वेतन का पैसा देने से भी इनकार कर दिया है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की शुक्रवार को हुई बैठक में बिहार ने समग्र शिक्षा अभियान के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 16 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा। लेकिन, 16 हजार करोड़ रुपये में से मात्र आठ हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी। इस वर्चुअल मीटिंग में केंद्र की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सचिव अनिता करवात, संयुक्त सचिव मनीष गर्ग एवं निदेशक राखी शर्मा ने हिस्सा लिया, जबकि बिहार से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर. के. महाजन, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रविशंकर सिंह एवं किरण कुमारी शामिल हुईं।

इस वर्चुअल मीटिंग में समग्र शिक्षा अभियान के 2 लाख 70 हजार शिक्षकों के वेतन मद में बिहार द्वारा 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की गयी। लेकिन, इस मद में स्वीकृति मिली मात्र 3500 करोड़ रुपये की ही। 91 हजार शिक्षकों के वेतन की राशि की स्वीकृति नहीं मिली। 91 हजार शिक्षकों को छोड़ बाकी शिक्षकों के वेतन की राशि की स्वीकृति भी पुराने दर से ही मिली है।

इस 3500 करोड़ रुपये को शामिल कर लें, तो 6400 रुपये की राशि की फ्रेश स्वीकृति मिली है। इसके अलावा 1600 करोड़ रुपये की राशि स्पील ओवर मद में स्वीकृत हुई है।

यह भी बताया जा रहा है कि किसी भी बड़े निर्माण योजना को स्वीकृति नहीं मिली। हां, स्कूलों में चापाकल-शौचालय निर्माण की योजना की स्वीकृति जरूर मिली। 

बैठक में बिहार की ओर से केंद्र के समक्ष राज्य की शैक्षणिक उपलब्धियां गिनायी गयीं। केंद्र को यह भी बताया गया कि लॉकडाउन में भी स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया गया है।

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