शराब कारोबार के आरोपी दलित की पुलिस हिरासत में मौत, परिजनों का आरोप-पुलिस की पिटाई से मरा युवक

परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई है, वहीं पुलिस ने पिटाई की बात से इंकार किया है, उधर ग्रामीणों ने थाने के पास पटना-गया सड़क को जाम कर दिया और थाने पर रोड़ेबाजी की..

Update: 2021-01-10 16:48 GMT

Photo:social media

जनज्वार ब्यूरो, पटना। पटना के गौरीचक थाने की हिरासत में शराब कारोबार के आरोप में पकड़े गए दलित युवक धर्मेंद्र मांझी की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर जमकर बवाल काटा। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई है, वहीं पुलिस ने पिटाई की बात से इंकार किया है। उधर ग्रामीणों ने थाने के पास पटना-गया सड़क को जाम कर दिया और थाने पर रोड़ेबाजी की।

पुलिस की कथित पिटाई से हुई मौत के बाद गौरीचक थाना का घेराव कर आगजनी व प्रदर्शन कर रहे लोगों ने थानेदार व अन्य पुलिस पदाधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की। वहीं पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र कुमार शर्मा का कहना है कि धर्मेन्द्र मांझी को पुलिस ने शराब के एक मामले में गिरफ्तार किया था।

शनिवार को जेल भेजने से पूर्व उसकी न्यायालय में पेशी की गयी थी। न्यायालय ने शनिवार को लौटा दिया। धर्मेन्द्र समेत अन्य कैदी को जब वापस गौरीचक लाया जा रहा था, तभी उसकी तबीयत खराब हो गयी। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट हो पायेगा कि आखिरकार उसकी मौत कैसे हुई। हालांकि पुलिस द्वारा मारपीट करने की घटना से उन्होंने इन्कार किया है।

उधर रविवार को सुबह से ही गौरीचक थाना पहुंचकर घेराव करते हुए लोगों ने पटना गया मार्ग को थाना के सामने जाम कर आगजनी शुरू कर दी। प्रदर्शन कारियों के आक्रोश को देख थाना में मौजूद पुलिस जवान व पदाधिकारी थाना का गेट बंद कर अंदर ही दुबक गए। हालात को बिगड़ता देख पटना से भारी संख्या में पुलिस फोर्स औऱ आस के कई थानों की पुलिस को मौके पर बुला लिया गया।

प्रदर्शन कर रहे परिजनों और ग्रामीणों ने वरीय पुलिस अधिकारियों को मौके पर बुलाने, घटना की निष्पक्ष जांच कराने, मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने, गौरीचक थानाध्यक्ष सहित धर्मेंद्र माझी की पिटाई में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने और उनपर हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की।

करीब तीन घन्टे तक गौरीचक थाना का घेराव के दौरान ही उग्र लोगों ने थाना पर पथराव भी किया जिससे हालात तनावपूर्ण बन गया। मौके पर पहुंचे गोपालपुर, धनरुआ, पुनपुन, मसौढ़ी, परसा बाजार राम कृष्णा नगर सहित कई थाने के थानेदार व अन्य पुलिस पदाधिकारी आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने में जुटे रहे। लेकिन कोई सुनने को तैयार नही हो रहा था।

मृतक के परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं थाना के गेट पर सड़क के बीचों बीच बैठकर न्याय की मांग कर रही थीं। इधर प्रदर्शन से पटना गया मसौढ़ी जहानाबाद से आने जाने वाले सैंकड़ो वाहन सड़क जाम में फंसे हुए थे।

बता दें कि गौरीचक थाना के चिपुरा निवासी धर्मेन्द्र मांझी (30 वर्ष) की शनिवार की रात उस वक्त मौत हो गयी जब पुलिस उसे न्यायालय में पेशी के बाद वापस गौरीचक थाना लेकर आ रही थी। वहीं परिजनों ने पुलिस पर धर्मेन्द्र मांझी के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में मृतक के परिजन श्रवण मांझी ने बताया कि गौरीचक पुलिस बीते शुक्रवार की सुबह शराब के एक मामले में छापेमारी कर

चिपुरा गांव के चनारिक मांझी के पुत्र धर्मेन्द्र मांझी (30) व मीरचन मांझी के पुत्र जितेन्द्र मांझी (25) एवं हरी मांझी के पुत्र प्रमोद मांझी (40) को गिरफ्तार कर थाना ले गयी थी।

चिपुरा गांव से गिरफ्तार इन तीनों के अलावा अन्य एक मामले में गिरफ्तार विभिन्न गांवों के तीन लोगों को लेकर शनिवार की दोपहर बाद गौरीचक पुलिस पटना स्थित न्यायालय में पेशी को ले गयी थी। समय खत्म हो जाने की वजह से न्यायालय से सभी गिरफ्तार छह लोगों को वापस लौटा दिया गया। बताया जाता है कि गौरीचक पुलिस सभी को लेकर शनिवार की देर शाम वापस थाना लेकर चली।

इसी बीच धर्मेन्द्र मांझी की अचानक तबियत खराब हो गयी और वह बेहोश हो गया। यह देख गौरीचक पुलिस आनन-फानन में उसे लेकर संपतचक पीएचसी में गयी , जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ॰ रेणु प्रसाद ने उसे एनएमसीएच ले जाने की सलाह दी। पुलिस युवक को बेहोशी हालत में ही उसे एनएमसीएच ले गयी , जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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