कबाड़ चुन रहे दो बच्चों की करेंट लगने से मौत, भुखमरी से बचने के लिए चुना था ये काम
पहले शाहिद तार के संपर्क में आया और उसे बचाने के प्रयास में जमीर भी तार की चपेट में आ गया...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। कबाड़ चुन रहे दो बच्चों की मौत करेंट लगने से हो गई। बच्चों के शिथिल देह को देख स्थानीय लोगो ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुँचाया जहाँ उनकी पहचान हुई ।
घटना छपरा शहर के भगवान बाजार थाना क्षेत्र के अम्बिका भवानी कॉलोनी की है जहाँ कबाड़ चुनने के क्रम में भगवान बाजार थाना क्षेत्र के गरहीतीर मोहल्ला निवासी सोबराती खान का 14 वर्षीय पुत्र शाहिद अली खान और जाबिर खान का 12 वर्षीय पुत्र जमीर खान घर के पीछे गाड़े गए अर्थिंग की संपर्क में आ गए ।
बताया जा रहा है कि पहले शाहिद तार के संपर्क में आया और उसे बचाने के प्रयास में जमीर भी तार की चपेट में आ गया जिससे दोनो बच्चे अपनी जान गवां बैठे। दोनो बच्चों को जमीन पर गिरा देख स्थानीय लोगो ने इसकी सूचना भगवान बाजार थाना को दिया जिसने बच्चों को उठाकर पहले अस्पताल पहुंचाया और वहाँ मृत घोषित होने के बाद पोस्टमॉर्टम हाउस में पहुँचा उनकी पहचान में जुट गई। बताया जाता है कि ये बच्चे भूख से परेशान थे जिसके कारण ये कबाड़ चुनने का काम करते थे।
घटना के लगभग एक घण्टे बाद पुलिस ने बच्चों की तश्वीर के सहारे उनके मातापिता का पता किया और उन्हें इस अनहोनी की सूचना दी। घटना की सूचना मिलते ही इलाके में कोहराम मच गया और दर्ज़नो लोग पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे जहाँ अपने बच्चों का शव देख पीड़ित माँ बाप फुट फुट कर रोने लगे जिन्हें पड़ोसी संभाल रहे थे। दोनो बच्चों के मातापिता बहुत ही गरीब हैं और दैनिक मज़दूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और इधर लॉकडाउन के दौरान उन्हें अक्सर काम भी नहीं मिल पा रहा था।दोनों बच्चों ने परिवार की मदद करने के उद्देश्य से कबाड़ चुनकर बेचना शुरू कर दिया था। बताया जा रहा है कि आज भी वे इसी काम के लिए निकले थे, तभी अर्थिंग में आ रही करंट की चपेट में आ गए।
उधर स्थानीय वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि संजीव कुमार उर्फ भोदा के प्रयास से नगर निगम कर्मचारी भानु सिंह ने दोनों परिवार को कबीर अंत्येष्ठि योजना के तहत नगद राशि उपलब्ध कराई, जिसके बाद दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया। मोहल्लावासी आशिफ खान, राजा, शेर खान, छोटे खान सहित अन्य लोगों ने इसमें सहयोग किया और मृतकों की मैय्यत को नुरू दाई तकिया कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया।