बिहार: डूबे हैं घर और बंद किये जा रहे राहत शिविर, आक्रोशित बाढ़ पीड़ितों ने किया सड़क जाम
बिहार में नदियों का जलस्तर स्थिर जरूर हुआ है, पर गांव-घरों में जमा पानी निकल नहीं पाया है, लोग अभी भी जहां-तहां शरण लिए हुए हैं, ऐसे में राहत शिविर और सामुदायिक किचेन बंद किए जाने से वे आक्रोशित हो जा रहे हैं...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में बाढ़ का प्रकोप अभी भी जारी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी भी 73 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। कुछ नदियों में पानी जरूर कम होने लगा है, पर गांव-घरों में घुसा पानी अभी भी कम नहीं हो रहा है। इस बीच बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे सामुदायिक किचेनों को कई स्थानों पर बंद किया जा रहा है। इससे बाढ़ पीड़ित आक्रोशित हो जा रहे हैं। उनका कहना है कि पानी अभी भी घरों में घुसा हुआ है, ऐसे में सामुदायिक किचेन को अभी आगे भी चलाया जाए।
13 अगस्त को सारण के अमनौर प्रखंड में दो स्थानों पर संचालित सामुदायिक किचेन बंद किए जाने से बाढ़ पीड़ितों ने आक्रोशित होकर सड़क जाम और प्रदर्शन किया था। आज 14 अगस्त को सारण के पानापुर में संचालित सानुदायिक किचेन को बंद किए जाने से बाढ़ पीड़ित आक्रोशित ही गए।
पानापुर के बाढ़ राहत कैम्प पर संचालित सरकारी ब्यवस्था बंद किए जाने को लेकर प्रखंड के फकुली नहर पुल से लेकर पानापुर नहर पुल तक शरण लिए बाढ़ पीड़ितों ने 14 अगस्त शुक्रवार की सुबह से सड़क जाम कर जमकर प्रदर्शन किया एवं नारे लगाए।
इनका कहना है कि पिछले एक पखवाड़े से पानापुर प्रखंड का बड़ा इलाका भयंकर बाढ़ की चपेट में है। अभी भी लोगों के घरो में पानी भरा हुआ है। सड़के पूरी तरह अवरुद्ध हैं, जिस कारण घर बार छोड़ चुके लोग अभी भी ऊंचे स्थलो पर शरण लिए हुए है। इस बीच समुदायिक किचेन का संचालन तीन चार रोज पहले से बंद कर दिया गया है।
शुक्रवार की सुबह जेनरेटर भी हटाया जाने लगा। बताया जाता है कि इसे देख बाढ़ पीड़ित आक्रोशित हो गए और फकुली व पानापुर नहर पुल के समीप नहर के रास्ते को बंद कर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन कर रहे बाढ़ पीड़ितों का आरोप था कि तीन चार दिन पहले से खाने की ब्यवस्था बंद कर दी गई है, अब जेनरेटर भी हटाया जा रहा है।उनलोगों का कहना था कि अभी भी घरो में अधिक मात्रा में पानी भरा हुआ है, जिससे फिलहाल घर जाना संभव नही है।
ऊंचे स्थल पर शरण लिए हुए हैं, जहां जेनरेटर के सहारे प्रकाश की ब्यवस्था की गई है अब इसे भी हटाया जा रहा है। इसके हट जाने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी। रात में इस जंगल- झाड़ी में तरह- तरह के विषैले कीड़े मकोड़े आ रहे हैं, जिनके काटने का खतरा बना रहता है। प्रकाश नहीं रहने से और भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
सड़क जाम की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष केडी राय स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों को समझा बुझाकर सड़क जाम हटवाया। उन्होंने सीओ एवं बीडीओ बात कर जेरनेटर चलवाने का आश्वासन दिया।