गंडक नदी के सारण तटबंध पर किए गए कटावरोधी कार्य से मुड़ी नदी की धारा, अब 3 गांवों के खेत जा रहे नदी के पेट में
गंडक नदी के सारण तटबंध पर बिहार के सारण जिला के पानापुर प्रखंड में यह कटावरोधी कार्य कराया गया था। अब किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
छपरा, जनज्वार। किसी नदी पर एक जगह कटावरोधी कार्य कराना दूसरी जगह के लिए किस तरह मुसीबत ला सकती है, इसकी एक बानगी पानापुर में देखने को मिली है।
गंडक नदी पर बने सारण तटबंध के 76वें तथा 77वें किलोमीटर पर कुछ समय पूर्व कटावरोधी कार्य कराया गया था। पानी तो अपना रास्ता खुद बना लेती है। इस कार्य से नदी की धारा दूसरी तरफ मुड़ गई और तीन गांवों के किसानों के खेत कटाव का शिकार हो नदी में विलीन होते जा रहे हैं। हालांकि यहां भी सरकार द्वारा कटावरोधी कार्य शुरू किया गया है, पर ग्रामीणों का आरोप है कि इसकी गति बहुत धीमी है। रात में सिर्फ 1 घण्टा ही काम हो रहा है। अब ये किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
लगातार हो रही वर्षा के कारण बिहार की नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है। खासकर नेपाल में हो रही वर्षा के कारण उत्तर बिहार से गुजरने वाली नदियों में वृद्धि हो रही है। जहां वृद्धि नहीं हो रही है या कम हो रही है, वहां तेज करंट के कारण कटाव हो रहा है। गंडक नदी में सारण जिला के पानापुर और सोनपुर में ज्यादा कटाव हो रहा है।
जगह-जगह कटावरोधी काम कराए जा रहे हैं पर यह नाकाफी साबित हो रहे हैं। सारण जिला के पानापुर में गंडक नदी में हो रहे कटावरोधी कार्य में लापरवाही का आरोप लगाकर 5 जुलाई को स्थानीय किसानों ने प्रदर्शन कर नाराजगी जताई है।
किसानों का कहना है कि जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। वहीं पानापुर प्रखंड क्षेत्र के सलेमपुर गांव में कटाव हो रहा है। ग्रामीण विभागीय स्तर पर कटावरोधी कार्यो में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। लापरवाही का आरोप लगाते हुए पृथ्वीपुर ,सलेमपुर, फतेहपुर आदि तटीय गांवो के किसानों ने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा रात्रि में मात्र एक घंटे कटावरोधी कार्य किया जा रहा है जो नाकाफी है। कटावरोधी कार्य के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, जिससे हमारे सैकड़ो एकड़ जमीन नदी की धारा में विलीन होते जा रहे हैं।
ग्रामीण बता रहे हैं कि गंडक नदी पर बने सारण तटबंध के किलोमीटर 76 से 77 के बीच कटावरोधी कार्य एवं नदी के बीचोबीच चिराई की गई थी।इसके बाद नदी की धारा बसहिया एवं सलेमपुर गांव की तरफ मुड़ गयी है।
गत वर्ष भी इन गांवों में कटावरोधी कार्य कराये गये थे जिसे नदी की तेज धारा अपने साथ बहा ले गयी है। अपने खेतों को बर्बाद होते देख किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है। किसानों ने शासन-प्रशासन से अपने खेतों को गंडक के गर्भ में समाने से बचाने की मांग की है।