लोजपा को लेकर NDA में घमासान, बीजेपी नेता संजय पासवान बोले,लोजपा के बगैर भी सरकार चला चुकी है बीजेपी-जदयू
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के विधान पार्षद संजय पासवान ने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए रामविलास पासवान ऐसी नीति अपनाते रहे हैं। संजय पासवान बीजेपी SC मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, NDA का घमासान भी बढ़ता जा रहा है। कभी चिराग पासवान सीधा नीतीश कुमार पर हमला कर देते हैं तो कभी जदयू उनपर हमलावर हो जाती है। अभी बीजेपी इस कोशिश में है कि दोनों दलों के बीच तल्खी में कमी आए और चुनाव के पहले सबकुछ नॉर्मल हो जाय।
संजय पासवान केंद्र की तत्कालीन बाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में रह चुके हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब लोजपा और जदयू के बीच पहले से घमासान चल रहा है। दोनों दलों के नेता एक-दूसरे के विरुद्ध लगातार बयानबाजी कर रहे हैं और बीजेपी इस विवाद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।
ऐसे में बीजेपी नेता संजय पासवान की यह टिप्पणी नए विवादों को जन्म दे सकती है। संजय पासवान ने न सिर्फ चिराग पासवान, बल्कि रामविलास पासवान पर भी हमला बोल दिया है।
संजय पासवान ने कहा 'ऐसा लग रहा है कि सत्ता में बने रहने के लिए यह रामविलास पासवान की रणनीति है। हमारे बड़े नेता कहते हैं कि NDA में सबकुछ ठीक है, इसलिए हम भी मान लेते हैं कि NDA में सबकुछ ठीक है। बीजेपी और जदयू इससे पहले बिना लोजपा के भी सरकार चला चुकी है।'
उन्होंने आगे कहा 'वैसे लोग, जो चुनाव स्थगित करने की मांग कर रहे हैं, वे पक्ष के हों या विपक्ष के, उनका लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। अगर चुनाव नहीं कराए जाने की कोई स्थिति बनती है तो चुनाव आयोग स्वयं सक्षम है कि निर्णय ले सके।'
उल्लेखनीय है कि चिराग पासवान ने 10 जुलाई को कहा था 'चुनाव आयोग को इस विषय पर सोच कर निर्णय लेना चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि चुनाव के बीच एक बड़ी आबादी को खतरे में झोंक दिया जाय। इस महामारी के बीच चुनाव होने पर पोलिंग परसेंटेज काफी नीचे रह सकते हैं, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।'
इस मुद्दे को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध दिया था। उन्होंने कहा था 'मैं वह अंतिम व्यक्ति हूंगा जो लाशों के ऊपर चुनाव की बात करेगा। अगर नीतीश जी मानते हैं कि कोविड एक समस्या है तो जबतक स्थिति न सुधरे, चुनाव को स्थगित कर देना चाहिए। अगर वे समझते हैं कि कोविड कोई समस्या नहीं है, तो चुनाव परंपरागत तौर तरीकों से कराए जाने चाहिए।'
पहले बीजेपी और जदयू के बीच घमासान चल रहा था। दो माह पूर्व तक बीजेपी के राज्य स्तर के तमाम छोटे-बड़े नेता सीधा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे। राज्य सरकार की कमियों को गिनाते हुए बीजेपी की सरकार की बातें कर रहे थे।
गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली के बाद इसपर विराम लगा है। रैली में अमित शाह ने सीधे तौर पर स्पष्ट कर दिया था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही NDA अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी।