बिहार:बाढ़ की स्थिति हुई गंभीर, तीन रेलखंडों पर ट्रेनों की आवाजाही बंद तो सेना के हेलीकॉप्टर भी लगाए गए

बिहार में बाढ़ की स्थिति बिगड़ रही है। लगभग 10 लाख की आबादी प्रभावित है। तीन रेलखंडों पर रेल यातायात बंद कर दिया गया है। दरभंगा, मोतिहारी और गोपालगंज में हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। NDRF की तैनाती की गई है।

Update: 2020-07-25 14:06 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। लगभग 10 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। हेलीकॉप्टर से लोगों के बीच राहत सामग्री गिराई जा रही है। तीन रेलखंडों पर आवागमन बंद कर दिया गया है। प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव के लिए NDRF की तैनाती की गई है।

गोपालगंज के देवापुर एवं पुरैना में टूटा था तटबंध

23 जुलाई की रात्रि में गोपालगंज जिला के बरौली प्रखंड के देवापुर और मांझागढ़ के पुरैना में यह तटबंध टूटा था। वहीं मोतिहारी के संग्रामपुर में चंपारण बांध टूटा था। आज बैकुंठपुर में भी एक जमींदारी बांध टूटने की खबर है। इन क्षेत्रों में स्थिति  बिगड़ गई है। बांध के टूटने के कारण बरौली, मांझा के कई पंचायत, फैजुल्लाहपुर पंचायत के अलावा दर्जन भर पंचायतों पर बाढ़ का खतरा आ चुका है। इसके साथ ही सारण जिला के तरैया, मशरक और पानापुर प्रखंडों में भी स्थिति बिगड़ने की आशंका हो गई है। तरैया आदि प्रखंडों में स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को सतर्क करते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने की एनाउंसमेंट कराई जा रही है।

तीन रेलखंडों पर ट्रेनों की आवाजाही की गई बंद

25 जुलाई को रेल ट्रैक पर पानी आ जाने से मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड पर ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई है। आधा दर्जन ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया है। दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर भी ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया है। पूर्वी चंपारण के सुगौली में रेलवे पुल संख्या 248 तक पानी आ जाने से नरकटियागंज-सुगौली रेलखंड पर भी ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई है।

तटबंध टूटने से बिगड़ रही स्थिति, नए इलाकों में फैल रहा पानी

गोपालगंज में स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। डीएम-एसपी आदि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। वहीं आसपास के ग्रामीण ऊंचे स्थानों पर शरण ले चुके हैं। बरौली व मांझा प्रखंड के कई पंचायतों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। देवापुर के आसपास के कई गांव पानी मे डूब चुके हैं। कई जगह एक मंजिला छत तक पानी हो गई है। मिर्जापुर, सलोना, बढ़ेया बरौली, नवादा, बभनौली, फुलवरिया रत्नस्राय आदि गांव जलमग्न हैं।

बरौली-बड़हरिया मुख्य मार्ग पर चढ़ा पानी, आवागमन बंद

नवादा के सभी घरों में पानी प्रवेश कर गया है, ग्रामीण अपने-अपने घरों की छतों पर शरण लिए हुए हैं। वही अधिकांश ग्रामीण अपना घर छोड़कर एनएच 28 पर बाल-बच्चों व मवेशियों के साथ शरण लिये हुए हैं। पानी मे लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नेपाल द्वारा भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि आज भी लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे जलस्तर और बढ़ने की संभावना हो गयी है। पानी बढ़ने के कारण बरौली-बड़हरिया मुख्य मार्ग बंद हो गया है। इस मार्ग पर बढ़ेया मोड़ के समीप से धर्म परसा तक काफी पानी का बहाव हो रहा है। नेशनल कालेज के समीप सड़क पर लगभग साढ़े तीन फीट पानी बह रहा है।

सेना के हेलीकॉप्टर गिरा रहे राहत सामग्री

दरभंगा, गोपालगंज और चंपारण में बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए आज से सेना के तीन हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। ये बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री के पैकेट गिरा रहे हैं। प्रभावित इलाकों में NDRF की तैनाती की गई है। साथ ही नावों के द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कोशिश की जा रही है।

 माचिस-मोमबत्ती की रोशनी के सहारे NH पर गुजार रहे रात

बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली की सप्लाई बंद है, जिसके कारण शाम ढलते ही चारों तरफ मरघटी सन्नाटा पसर जा रहा है। नवादा निवासी रमेन्द्र कुमार ने बताया कि अंधेरा के कारण और भय लग रहा है। अमीर लोग जेनरेटर चलवा रहे है, वहीं अन्य लोग अँधेरे में रात गुजार रहे हैं। एनएच पर सभी लोग अंधेरे में रात गुजारने को विवश हैं। मोमबती, माचिस आदि के सहारे लोग रौशनी का काम चला रहे हैं।

बाढ़ के बीच है विषैले सर्पों का आतंक

 गंडक के पानी से बह कर काफी संख्या में विषैले सर्प आये हैं, जो लगातार घरों व दरवाजे पर रेंगते दिख रहे है। सर्प के काटने से सिधबलिया में आज एक इंटर के छात्रा की मौत हो गयी, वही अन्य स्थानों पर भी आधा दर्जन लोग सर्प दंश से अचेत हो चुके हैं, जिनका ईलाज विभिन्न अस्पतालों में करवाया गया।

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